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Haryana Government Bhiwani Manisha case transferred CBI | मनीषा की मौत का केस CBI को ट्रांसफर:…

मीडिया से बात करते सीएम सैनी, CBI और लेडी टीचर मनीषा की फाइल फोटो।

हरियाणा में भिवानी की लेडी टीचर मनीषा की मौत के मामले की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को ट्रांसफर कर दी गई है। सरकार ने देर रात इस मामले से जुड़ी फाइल CBI को भेज दी। भिवानी पुलिस की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद CBI जल्द ही केस की जांच शुरू

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दरअसल, 11 अगस्त को मनीषा अपने गांव ढाणी लक्ष्मण स्थित घर से सिंघानी गांव के प्ले स्कूल में पढ़ाने गई थी। वहां से वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए निकली, लेकिन शाम तक घर नहीं लौटी। इसके बाद परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। 2 दिन तक मनीषा का कोई पता नहीं चला।

13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव के खेतों में मिला। परिवार ने आरोप लगाया कि उसकी हत्या हुई है। हालांकि, पुलिस ने 18 अगस्त को एक सुसाइड नोट दिखाकर इसे आत्महत्या बताया। इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने CBI जांच की मांग की थी।

लाश मिलने से लेकर CBI को जांच ट्रांसफर होने तक क्या-क्या हुआ, जानिए…

11 अगस्त को हुई लापता, 13 को शव मिला मनीषा 11 अगस्त को घर से निकली थी। 13 अगस्त को उसकी लाश मिली थी। जिसके बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जताई। पुलिस ने मनीषा का पहला पोस्टमॉर्टम भिवानी के सिविल अस्पताल में कराया। मगर, परिजनों ने लाश लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने मनीषा की हत्या की आशंका जताई। उन्होंने पुलिस पर आरोप भी लगाया कि गुमशुदगी की शिकायत पर पुलिस ने कहा था कि बेटी घर से भाग गई, 2 दिन में आ जाएगी।

इसके बाद सरकार ने 15 अगस्त की रात को भिवानी के SP मनबीर सिंह को हटा दिया। वहीं SHO को लाइन हाजिर किया गया और 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए। मगर, परिजन संतुष्ट नहीं हुए तो PGI रोहतक में फिर पोस्टमॉर्टम कराया गया। जिसमें कहा गया कि मनीषा ने सुसाइड किया। 18 अगस्त को पुलिस ने एक सुसाइड नोट दिखाया। पुलिस ने दावा किया कि ये पर्स मनीषा के पर्स से मिला।

ग्रामीणों ने मांगों को लेकर पक्के मोर्चे का ऐलान कर जाम लगा दिया था।

2 मांगें पूरी होने के बाद अंतिम संस्कार किया पिता संजय से अंतिम संस्कार की सहमति ले ली। मगर, गांव ढाणी लक्ष्मण के लोग भड़क गए। उन्होंने अंतिम संस्कार न होने देने का ऐलान करते हुए गांव के रास्ते बंद कर पक्के मोर्चे का ऐलान कर दिया। ग्रामीणों ने सरकार के सामने 2 मांगें रखीं।

पहली…मनीषा की मौत की CBI जांच हो।

दूसरी…दिल्ली AIIMS से पोस्टमॉर्टम कराया जाए।

20 अगस्त को सरकार दोनों मांगों पर राजी हो गई। CM ने जांच CBI को देने का ऐलान किया। इसके बाद मनीषा का दिल्ली AIIMS में तीसरी बार पोस्टमॉर्टम कराया गया। वहां से लाश वापस भिवानी अस्पताल लाई गई। जिसके बाद 21 अगस्त की सुबह ढाणी लक्ष्मण गांव में मनीषा का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

21 अगस्त को ढाणी लक्ष्मण गांव में मनीषा का अंतिम संस्कार किया गया था।

मनीषा की मौत पर DGP कपूर की 2 बातें…

  • हमने यंग बिटिया खो दी: DGP शत्रुजीत कपूर ने 22 अगस्त को भिवानी में मनीषा मौत केस को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हमने एक यंग बिटिया को खो दिया। बेटियां सबकी सांझी होती हैं। मां-बाप और परिवार का दुख हम सब समझते हैं। इस दुख की घड़ी में हम उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि मनीषा केस में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था।
  • शव कुत्तों के झुंड ने नोचा था: DGP ने आगे कहा कि पोस्टमॉर्टम में सामने आया कि शव को कुत्तों के झुंड ने नोचा था। सुसाइड नोट की जांच भी कराई गई थी। अब केस की जांच CBI करेगी। केस CBI को देने का जो निर्णय हुआ, इससे PGI के वैज्ञानिक और डॉक्टरों की काबिलियत पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है। जनभावना को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया।

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हरियाणा में भिवानी की लेडी टीचर मनीषा (19) की मौत के मामले में अब प्ले-वे स्कूल संचालक ने भी चुप्पी तोड़ी है। किड्स केयर सीएससी बाल विद्यालय के संचालक रोहित दहिया ने बताया कि आम दिनों में मनीषा दोपहर 1ः30 बजे स्कूल से निकल जाती थी। 11 अगस्त को मनीषा करीब आधे घंटे लेट हुई। पूरी खबर पढ़ें…

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