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IAF MiG-21 Fighter Jet; Balakot Air Strike | Indian Air Force Vs Pakistan | मिग-21 से अभिनंदन…

भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान मिग-21 से ही ग्रुप कैप्टन अभिनंदन ने पाकिस्तान का F-16 विमान मार गिराया था। मिग-21 को साल 2025 की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर में भी ‘ऑपरेशनल’ भूमिका में तैनात किया गया था। अब इस फाइटर जेट को रिटायर करने की शुरुआत राजस्थ

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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बीकानेर के नाल एयरबेस पर सोमवार (25 अगस्त ) को MiG-21 में उड़ान भरकर राजस्थान में इसके रिटायर होने की औपचारिक शुरुआत की। अब 19 सितंबर को मिग-21 लड़ाकू विमान को चंडीगढ़ एयरबेस पर मिग-21 का मुख्य विदाई कार्यक्रम होगा।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बीकानेर के नाल एयरबेस पर सोमवार (25 अगस्त ) को MiG-21 में उड़ान भरकर राजस्थान में इसके रिटायर होने की औपचारिक शुरुआत की।

भारतीय वायु सेना के प्रसिद्ध मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान ने 2019 में बालाकोट ऑपरेशन के बाद एक पाकिस्तानी F-16 विमान को गिराया था। यह तब हुआ था जब भारत द्वारा 26 फरवरी को खैबर पख्तूनख्वा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला करने के बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमला करने की कोशिश की थी। इस हमले में पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया था। विंग कमांडर जयदीप सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को यह बात कही।

उन्होंने बताया कि ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्थमान ने भारत के बालाकोट हवाई हमले के एक दिन बाद 27 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर के ऊपर हवाई लड़ाई में एफ-16 को गिराया था। इस मुठभेड़ के दौरान अभिनंदन का मिग-21 बाइसन विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे उन्हें दुश्मन के नियंत्रण वाले इलाके में उतरना पड़ा।

ऑपरेशन सिंदूर में भी तैनात किया था मिग-21 विंग कमांडर जयदीप सिंह ने बताया कि इस विमान को इस साल 2025 की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर में भी ‘ऑपरेशनल’ भूमिका में तैनात किया गया था।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने 1985 में भी तेजपुर में पहली बार MiG-21 उड़ाया था।

1971 के युद्ध में निभाई अहम भूमिका दिलचस्प बात यह है कि विंग कमांडर सिंह के अनुसार, मिग-21 ने लगभग सभी पीढ़ियों के विमानों को मार गिराया है। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर ने बताया, “मिग-21 का सभी पीढ़ियों के विमानों को मार गिराने का इतिहास रहा है। आखिरी विमान F-16 था, जिसे मार गिराया गया था।

1963 में वायु सेना में शामिल हुआ मिग-21 भारतीय वायु सेना के बेड़े में मिग-21 को 1963 में शामिल किया गया। मिग-21 लगभग 6 दशकों से भारतीय वायुसेना में सेवा दे रहा है और भारत की वायु शक्ति का आधार रहा है। चंडीगढ़ में स्थापित इसकी पहली स्क्वाड्रन, 28 स्क्वाड्रन, को भारत के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान के रूप में ‘फर्स्ट सुपरसोनिक्स’ उपनाम दिया गया था।

भारतीय वायुसेना (IAF) में 62 साल तक सर्विस देने के बाद मिग-21 लड़ाकू विमान 19 सितंबर को रिटायर होगा और इसकी सेवाएं आधिकारिक तौर पर खत्म हो जाएगी।

मिग-21 पहला सुपरसोनिक विमान विंग कमांडर जयदीप सिंह ने बताया कि मिग-21 लड़ाकू विमान को नाम भी इसके डिजाइनर व निर्माता के नाम पर दिया गया। मिग शब्द मिकोयान और गुरेविच का संक्षिप्त रूप है, जो इस विमान के डिजाइनर और निर्माता थे। मिग-21 का पहला 28 स्क्वाड्रन चंडीगढ़ में स्थापित किया गया था। सिंह ने बताया कि मिग-21 पहला सुपरसोनिक विमान होने के कारण, इस स्क्वाड्रन को “पहला सुपरसोनिक” कहा जाता था।

ढाका में राज्यपाल के आवास पर किया था हमला इस लड़ाकू विमान ने कई युद्धों में निर्णायक भूमिका भी निभाई। 1971 के युद्ध में, मिग-21 ने ढाका में राज्यपाल के आवास पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस विमान ने दुश्मन के लड़ाकू विमानों की कई पीढ़ियों को मार गिराया है। 1971 में F-104 से लेकर 2019 में F-16 तक- जो इसे भारतीय वायुसेना के इतिहास में सबसे अधिक युद्ध-परीक्षणित लड़ाकू विमानों में से एक बनाता है।

19 सितंबर मिग-21 को रिटायर होगा और इसकी सेवाएं आधिकारिक तौर पर खत्म हो जाएगी। चंडीगढ़ एयरबेस में फाइटर जेट का मुख्य विदाई कार्यक्रम होगा।

1765 के अभियानों में भी रहा तैनात मिग-21 1965 के अभियानों में ऑपरेशनल रूप से तैनात किया गया और उसमें शामिल रहा। 1965 में इसका ऑपरेशनल इतिहास काफी अच्छा रहा। इसके बाद 1971 का युद्ध हुआ, जिसमें मिग-21 सभी स्क्वाड्रनों में शामिल था। और सबसे महत्वपूर्ण हमला 14 दिसंबर 1971 को ढाका (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान, अब बांग्लादेश) में राज्यपाल के आवास पर हुआ। 15 दिसंबर को राज्यपाल ने इस्तीफा दे दिया। 16 दिसंबर को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस विमान ने एक महत्वपूर्ण मोड़ दिया,”

एयरफोर्स का हर पायलट उड़ा चुका मिग-21 विंग कमांडर जयदीप सिंह ने बताया कि भारतीय वायु सेना का लगभग हर पायलट, अन्य विमानों की ओर रुख करने से पहले मिग-21 उड़ा चुका है।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह बीकानेर के नाल एयरबेस पर 25 अगस्त को MiG-21 में उड़ान के बाद भावुक हो गए।

एयर चीफ मार्शल ने भरी अंतिम उड़ान इससे पहले सोमवार को मिग की विरासत का सम्मान करने के लिए वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने इस प्रतिष्ठित विमान में उड़ान भरी और इसकी विरासत और दशकों की सेवा को याद किया। भारतीय वायु सेना मिग-21 को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) मार्क 1ए से बदलने की संभावना है। वायु सेना 26 सितंबर को मिग-21 लड़ाकू विमान को चरणबद्ध तरीके से हटाने की तैयारी कर रही है।

मिग 21 से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… राजस्थान से MiG-21 फाइटर जेट रिटायर, वायुसेना प्रमुख भावुक हुए:बोले- तेजस लेगा जगह; बीकानेर के नाल एयरबेस पर उड़ान भरकर दी विदाई

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