Glock Imported Pistol Recovery ; Pakistan Cross Border Smuggling | Amritsar India | पाकिस्तान…

पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर जल्द ही इस रिकवरी के बारे में जानकारी सांझा करेंगे।
पंजाब में शांति और सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रच रहे हथियार तस्करों के खिलाफ अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने सफलता हासिल की है। पुलिस ने गुरु की वडाली छेहर्टा निवासी अमित सिंह को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 5 ग्लॉक पिस्टल, 4 मैगजीन और एक मोटरसाइकिल बरामद
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पाकिस्तान से जुड़े तार
प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोपी अमित सिंह अपने साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गिन्नी के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित हथियार तस्करों के संपर्क में था। यह गिरोह सीमा पार से पंजाब तक हथियारों की खेप भेज रहा था। पुलिस का कहना है कि इस नेटवर्क का मकसद प्रदेश में गैंगस्टरों और असामाजिक तत्वों को हथियार उपलब्ध कराकर अमन-शांति को भंग करना था।
अमृतसर पुलिस की तरफ से जब्त हथियार।
बड़ी वारदात टली, जांच जारी
अमित सिंह की गिरफ्तारी और हथियारों की बरामदगी से पुलिस को तस्करी के इस पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में मदद मिली है। अधिकारियों का कहना है कि यदि समय रहते यह कार्रवाई न होती, तो प्रदेश में कोई बड़ी आपराधिक या आतंकी वारदात हो सकती थी।
अब पुलिस की विशेष टीमें आरोपी के साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ़ गिन्नी समेत अन्य फरार सहयोगियों की तलाश कर रही हैं। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां व बरामदगियां होने की संभावना जताई जा रही है।
भारी मात्रा में भारत आ रही ग्लॉक
पंजाब में हाल के समय में पुलिस द्वारा की गई हथियार बरामदगी की कार्रवाई में सबसे अधिक संख्या ग्लॉक पिस्टल की रही है। इसकी लगातार हो रही रिकवरी इस बात का संकेत है कि गैंगस्टर नेटवर्क में इस हथियार की मांग तेजी से बढ़ी है। इसकी प्रमुख वजह है, ग्लॉक की हल्की बनावट, अचूक निशाना और इस्तेमाल में आसानी।
ग्लॉक: सेना और सुरक्षा बलों के बाद अब गैंगस्टरों की पसंद
ग्लॉक पिस्टल मूल रूप से ऑस्ट्रिया में निर्मित होती है और यह दुनिया के 70 से अधिक देशों की सेनाओं और सुरक्षा बलों द्वारा उपयोग की जाती है, जिनमें अमेरिका, इंग्लैंड और भारत भी शामिल हैं। यह मिलिट्री कैटेगरी की सबसे हल्की और कॉम्पैक्ट पिस्टलों में से एक मानी जाती है। इसमें एक मैगजीन में 17 गोलियों की क्षमता होती है।
ग्लॉक पिस्टल।
काले बाजार में तीन गुना कीमत
ग्लॉक पिस्टल की कीमत सामान्य रूप से करीब 1 लाख रुपए होती है, लेकिन ब्लैक मार्केट में यह 2 से 3 लाख रुपए तक में बिकती है। इसकी बढ़ती मांग और सीमित उपलब्धता इसके काले बाजार मूल्य को तीन गुना तक बढ़ा देती है।
गैंगस्टरों के बीच लोकप्रियता के कारण
ग्लॉक की सबसे बड़ी खासियत इसका हैंडलिंग में आसान होना है। इसकी बनावट ऐसी है कि इसे छिपाना, उठाना और इस्तेमाल करना बेहद सहज होता है। इसके अलावा, इसकी एक बार लोड की गई मैगजीन में 17 राउंड की क्षमता होती है, जिससे बार-बार री-लोडिंग की जरूरत नहीं पड़ती- यह विशेषता गैंगस्टरों के लिए बेहद आकर्षक बनती है।
ISI के जरिए भारत में तस्करी
सूत्रों के अनुसार, इस पिस्टल की तस्करी में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका भी सामने आई है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रास्ते आतंकी संगठनों की मदद से ग्लॉक पिस्टल पंजाब में सक्रिय गैंगस्टरों तक पहुंचाई जा रही हैं।
पंजाब पुलिस की ताजा कार्रवाइयों में हर खेप से ग्लॉक पिस्टल की बरामदगी यह दर्शाती है कि यह अब गैंगवार्स और आपराधिक गतिविधियों में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला हथियार बन गया है।