Thieves entered the Indian Army’s field firing range | भारतीय सेना की फील्ड फायरिंग रेंज में…

जैसलमेर। लाठी थाना इलाके में सेना की फायरिंग रेंज में हुई वायर की चोरी।
जैसलमेर के लाठी थाना इलाके में स्थित सेना की फील्ड फायरिंग रेंज में कुछ दिन पूर्व अलग-अलग टुकड़ों में कुल 12.2 किलोमीटर कम्युनिकेशन वायर चोरी हो गया। फील्ड फायरिंग रेंज जैसे सुरक्षित जगह पर हुई इतनी बड़ी चोरी के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं
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दरअसल, इससे पहले भी कई बार फील्ड फायरिंग रेंज में चोरी की घटनाएं हो चुकी है। सेना के टैंक को तोड़कर उसका सामान तक चुरा ले गए थे चोर। अब एक बार फिर 12 किमी लंबा वायर चोरी हुआ है, जिसको लेकर पुलिस में मामला दर्ज किया गया है और पुलिस चोरों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
लाठी थाना पुलिस कर रही जांच।
मामला दर्ज, पुलिस कर रही है जांच पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास के लिए आई रेजिमेंट के हवलदार ने 24 अगस्त को लाठी थाने में एक रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में बताया कि रेंज में कम्युनिकेशन अभ्यास के लिए 17 अगस्त को अलग-अलग पोइंट पर कम्युनिकेशन वायर बिछाया गया था। जिसकी कुल लंबाई 65 किलोमीटर थी। 18 अगस्त को 9 किमी और 21 अगस्त को 3.2 किमी वायर चोरी हो गया। इसी तरह 24 अगस्त को पेश की गई रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है, जिसकी जांच ASI पदमचंद की ओर से की जा रही है।
पहले भी हो चुकी है रेंज में चोरी की घटनाएं रेंज क्षेत्र में बीते कुछ सालों से चोरी की घटनाएं बढ़ रही है। पिछले साल मई महीने में फील्ड फायरिंग रेंज में अभ्यास के लिए रखे गए टैंक के कुछ हिस्से काटकर चोर चुरा ले जा रहे थे। सेना व लाठी पुलिस की सक्रियता से रेंज से बाहर आते ही चोर पकड़ लिए गए थे। इसी तरह अक्टूबर महीने में 12 किमी कम्युनिकेशन वायर और डीजल चोरी हो गया था। इस मामले में भी पुलिस की ओर से तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। अब एक बार फिर चोरों द्वारा करीब 12 किमी लंबा वायर चुरा ले जाने की घटना के बाद पुलिस अलर्ट हो गई और चोरों की तलाश में जुट गई गई।
भारतीय सेना की सबसे बड़ी रेंज
एशिया की सबसे बड़ी रेंज में शुमार पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज कई हथियारों, तोपों, टैंक और मिसाइलों के परीक्षण की गवाह रही है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच यहां साल भर परीक्षण और युद्धाभ्यास चलते रहते हैं।करीब 20 हजार एकड़ में फैली इस रेंज में थल और वायु सेना से संबंधित युद्धाभ्यास के साथ परीक्षण होते हैं। सेना में शामिल होने से पहले मिसाइल, तोप और अन्य हथियारों का पोकरण फायरिंग रेंज में परीक्षण अवश्य होता है। इसके बाद ही उन्हें सेना में शामिल किया जाता है।