Law students get relief from High Court, RPSC’s appeal rejected | लॉ स्टूडेंट्स को हाईकोर्ट से…

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएससी की एसिस्टेंट प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर भर्ती परीक्षा-2024 के संबंध में एक अहम फैसला देते हुए एलएलबी फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को बड़ी राहत देकर आरपीएससी की अपील को खारिज कर दिया है। जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस बिपिन गुप
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मामला 7 मार्च 2024 को जारी किए गए विज्ञापन से संबंधित है, जिसमें राजस्थान प्रॉसिक्यूशन सबऑर्डिनेट सर्विस रूल्स 1978 के तहत एसिस्टेंट प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर के 181 पदों की भर्ती की घोषणा की गई थी। इसमें विवाद इस बात को लेकर था कि उम्मीदवारों के पास एलएलबी डिग्री कब तक होनी चाहिए और किस तारीख के आधार पर पात्रता निर्धारित की जाए।
आरपीएससी का तर्क: 12 अप्रैल 2024 तक योग्यता अनिवार्य
आरपीएससी के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया कि आरपीएससी द्वारा जारी विज्ञापन में ही अंतिम तारीख 12 अप्रैल 2024 निर्धारित की गई थी, इसलिए इस तारीख के बाद मिली योग्यता को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के साक्षी अर्हा बनाम राजस्थान हाईकोर्ट और अशोक कुमार सोनकर बनाम भारत संघ के मामलों का हवाला देते हुए कहा कि पात्रता की जांच आवेदन की अंतिम तिथि के आधार पर होनी चाहिए।
आयोग का कहना था कि संबंधित 7 याचिकाओं में शामिल सभी 18 उम्मीदवारों की योग्यता अगस्त 2024 के आसपास प्राप्त हुई है, जबकि आवेदन की अंतिम तिथि 12 अप्रैल 2024 थी। इसलिए वे इस पद के लिए अयोग्य हैं।
उम्मीदवारों का पक्ष: खुद RPSC ने लिखा था ‘अंतिम वर्ष परीक्षा में शामिल भी पात्र’
उम्मीदवारों के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया कि विज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध निर्देश विज्ञापन का हिस्सा माने जाएंगे। वेबसाइट के निर्देशों में साफ तौर पर लिखा था कि “अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल हो रहे या शामिल हुए व्यक्ति आवेदन करने के पात्र होंगे।”
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 19 नवंबर 2024 को एक महत्वपूर्ण संशोधन पत्र (कॉरिजेंडम) जारी किया था। इसमें स्पष्ट किया गया था कि जो उम्मीदवार बिना योग्यता के आवेदन कर चुके हैं, वे 20 नवंबर से 26 नवंबर 2024 के बीच अपना आवेदन वापस ले सकते हैं। साथ ही यह भी कहा गया था कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 217 के तहत ऐसे उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
वेबसाइट पर “अप्पीयरिंग” की पात्रता का उल्लेख
कोर्ट ने कहा कि इस मामले का दायरा बहुत संकीर्ण है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के साक्षी अर्हा और अशोक कुमार सोनकर के मामले उन स्थितियों में लागू होते हैं, जहां योग्यता की अंतिम तिथि के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। लेकिन इस मामले में विज्ञापन में अंतिम तिथि तो दी गई थी, साथ ही वेबसाइट के निर्देशों में स्पष्ट रूप से “अप्पीयरिंग” उम्मीदवारों की पात्रता का उल्लेख था।
फैसले में तेज प्रकाश पाठक मामले का संदर्भ
कोर्ट ने संविधान पीठ के तेज प्रकाश पाठक बनाम राजस्थान हाईकोर्ट (7 नवंबर 2024 को निर्णित) के फैसले का भी हवाला दिया। इसमें कहा गया था कि प्रशासनिक निर्देश वैधानिक नियमों की पूर्ति कर सकते हैं जहां वे मौन हैं, लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद निर्धारित प्रक्रिया से कोई विचलन या कमजोरी की अनुमति नहीं है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में नियमों के बीच में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बल्कि 19 नवंबर 2024 का संशोधन पत्र और ऑनलाइन निर्देश मूल विज्ञापन का हिस्सा थे, जो शुरू से ही “अप्पीयरिंग” उम्मीदवारों को पात्र मानते थे।
न्यायालय का फैसला: अप्पीयरिंग उम्मीदवार पात्र होंगे
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब आरपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर स्पष्ट निर्देश है कि 2024 में “अप्पीयरिंग” उम्मीदवार पात्र होंगे, और यह विवाद में नहीं है कि सभी ऐसे उम्मीदवारों ने 2024 में ही अपनी एलएलबी पूरी की है, तो निर्धारित समय सीमा के भीतर उनकी पात्रता से इनकार करने का कोई औचित्य नहीं है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि आरपीएससी की वेबसाइट के विवरण केवल उसी स्थिति में अप्रासंगिक हो सकते थे, जब वे वैधानिक नियमों के सीधे विरोध में होते। लेकिन इस मामले में कोई ऐसा विरोध नहीं है।
आरपीएससी की अपील खारिज, इन्हें मिली राहत
कोर्ट ने सभी 7 स्पेशल अपीलें खारिज कर दीं और सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखा। इनसे जुड़े 18 अभ्यर्थियों को राहत मिली है। इनमें जोधपुर से 9 अभ्यर्थी लवांशु सांखला, कुमकुम जोधा, शिवांगी पाठक, रोहित प्रजापति, देवल कुमारी, पूजा चौधरी, शिवानी पुरी, हर्षित शर्मा, हर्षित व्यास, बीकानेर से 3 अभ्यर्थी मानसी व्यास, दिव्या तंवर, मोक्षिता वर्मा, नागौर से 2 अभ्यर्थी शुभम भाटी, लविश भाटी और अजमेर धोला भट्टा से आशीष डांगरा, जालोरी शिवाजी नगर से विपश्यना शर्मा, जयपुर बस्सी से पुष्पेंद्र शर्मा, बांसवाड़ा से प्रसिद्धि जैन जैसे उम्मीदवार शामिल थे।