राज्य

Shri Jaswant Exhibition and Cattle Fair | श्री जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेला: बीडीए ने नुमाइश…

भरतपुर का श्री जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेला महज एक आयोजन नहीं, बल्कि शहर की पहचान और सौ साल पुरानी परंपरा है। हर साल हजारों लोग इस मेले का इंतजार करते हैं और सैकड़ों व्यापारी यहां दुकानें लगाकर लाखों का कारोबार करते हैं। लेकिन इस बार हालात बदल गए हैं

.

मैदान में नई दुकानें, इंटरलॉकिंग पाथ-वे, हैरिटेज लाइट और स्टेज तो बना दिए गए, लेकिन दुकानों की संख्या घटाकर आधी कर दी गई। अब तक जहां 127 पक्की दुकानें होती थीं। इस बार बीडीए ने पुरानी दुकानों को तोड़कर सिर्फ 61 नई दुकानें बनाई हैं। बाकी जगहों पर चबूतरे (प्लेटफॉर्म) ही बनाए हैं। यही बदलाव व्यापारी और आम जनता दोनों की चिंता बढ़ा रहा है। व्यापारी कह रहे हैं कि बारिश में टैंट का कोई भरोसा नहीं, सामान भीग जाएगा और कारोबार चौपट हो जाएगा। वहीं, पशुपालन विभाग को भी राजस्व नुकसान का अंदेशा है।

बीडीए नुमाइश मैदान में करीब 7 करोड़ रुपए से करा रहा कार्य…

भरतपुर विकास प्राधिकरण के अफसरों ने बताया कि करीब 7 करोड़ रुपए की लागत से 61 नई दुकानें बनाई गई हैं। दो प्लेटफार्म, इंटरलॉकिंग पाथ-वे, हैरिटेज लाइटिंग और स्टेज बनेगी। इनके अलावा अंडरग्राउंड केबल बिछाई जाएगी। सीसी रोड और डिवाइडर भी बनाए जा रहे हैं। जलभराव न हो इसके लिए मिट्टी डालकर मैदान ऊंचा किया जा रहा है। दोनों प्लेटफार्म पर 15X15 की करीब 25 दुकानें आवंटित की जाएगी। जिला प्रशासन ने यह काम नुमाइश शुरू होने से पहले ही पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

27 सितंबर से 6 अक्टूबर तक लगेगी प्रदर्शनी… पशुपालन विभाग की ओर से हर साल आयोजित होने वाली श्री जसवंत प्रदर्शनी और पशु मेला इस बार 27 सितंबर से शुरू होकर 6 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान हजारों की भीड़ उमड़ेगी, लेकिन कम दुकानों और टैंट सिस्टम के चलते इस बार कारोबार और रौनक सिमटने की आशंका है।

व्यापारियों की परेशानी: बारिश में भीग जाएगा सामान…. व्यापारियों का कहना है कि दुकानों की जगह बने प्लेटफार्म और अस्थाई टैंट बारिश के मौसम में सबसे बड़ी दिक्कत होगी। कई बार मेले के दौरान बारिश हो जाती है। ऐसे में बिना छत के व्यापार करना मुश्किल होगा और सामान भी खराब हो सकता है।

पशुपालन विभाग की चिंता: घटेगी आय… पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. रामकिशन महावर ने बताया कि हर साल 127 दुकानों से करीब 50 लाख रुपए की आय होती है। लेकिन इस बार दुकानों की संख्या घटने से विभाग को बड़ा नुकसान होगा। बाहर से आने वाले व्यापारियों को भी पर्याप्त जगह नहीं मिल पाएगी।

“भरतपुर विकास प्राधिकरण ने नुमाइश मैदान में पुरानी दुकानों की जगह नई दुकानों का निर्माण कराया है। दुकानदारों की सहूलियत के लिए प्लेटफॉर्म भी बनाए गए हैं। इन पर व्यापारी अपनी दुकानें लगा सकेंगे। जरूरत के हिसाब से टैंट लगवाकर व्यापारियों को जगह दी जाएगी। संभव हुआ तो शेष दुकानों को अगले बजट आने पर बनवा दिया जाएगा।”

– कमर चौधरी, जिला कलेक्टर, भरतपुर।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button