Light will reach through Solar Didi Network | सोलर दीदी नेटवर्क से पहुंचेंगी रोशनी: 8 जिलों में…

प्रदेश में बिजली से वंचित दूरदराज गांव–ढाणियों में रोशनी की उम्मीद पूरी करने में सोलर दीदी की भी भूमिका रहेगी। इसके लिए प्रदेश में 25 हजार सोलर दीदी का चयन किया जाएगा। अब तक 90 प्रतिशत से ज्यादा का चयन किया जा चुका है।
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38 हजार से ज्यादा गांव कवर किए गए हैं। सबसे ज्यादा सोलर दीदी उदयपुर और जयपुर जिलों में चयनित की जाएगी। चयन सिर्फ उन्हीं महिलाओं का किया जा रहा है, जो राजीविका से जुड़े महिलाओं के स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत हेतु दो सोलर दीदीयों का चयन किया जा रहा है। ग्राम पंचायत क्षेत्र की भौगौलिक परिस्थितियों के मद्देनजर दो से कम या दो से अधिक सोलर दीदी की संख्या का निर्धारण भी कलेक्टर द्वारा किया जा सकेगा।
प्रदेश में आठ जिले ऐसे हैं, जहां एक हजार से लेकर सत्रह सौ से ज्यादा महिलाओं को सोलर दीदी के रूप में नियुक्ति देकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इनमें अलवर में 1150 सोलर दीदी, बाड़मेर में 1382, भरतपुर में 1127, बीकानेर में 1001, जयपुर में 1693, जोधपुर में 1673, नागौर में 1000, उदयपुर में 1753 सोलर दीदी का लक्ष्य दिया गया है। जबकि 14 जिलों का लक्ष्य 500 से 1000 निर्धारित किया गया है।
इनमें अजमेर 869, बांसवाड़ा 836, भीलवाड़ा 796, चित्तौड़गढ़ 598, चूरू 608, दौसा 574, डूंगरपुर 706, हनुमानगढ़ 538, जालोर 616, झालावाड़ 508, झुंझुनूं 674, पाली 682, सीकर 752 और श्रीगंगानगर 690 शामिल है। वहीं, 11 जिलों में 500 से कम सोलर दीदी चयनित की जाएंगी।
इनमें बारां में 470, बूंदी में 368, धौलपुर में 384, जैसलमेर में 404, करौली में 484, कोटा में 474, प्रतापगढ़ में 470, राजसमंद में 428, सवाई माधोपुर में 476, सिरोही में 342 और टोंक में 474 चुनने का लक्ष्य है। इनका चयन तीन साल के लिए किया जा रहा है। इन्हें एक साल के लिए हर माह दो हजार रुपए मानदेय देने का प्रवधान है।
ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देंगी
सोलर दीदी ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने के साथ-साथ इनके सुचारू संचालन की जिम्मेदार रहेंगी। घर-घर तक सौर बिजली पहुंचना संभव करेंगी। प्रशिक्षित स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने गांवों में सौर ऊर्जा उत्पादों की बिक्री, स्थापित, संचालन और उपकरणों का रखरखाव करेंगी। ग्रामीण क्षेत्र में अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार देने के साथ सौर ऊर्जा की पहुंच बढ़ाना भी इनका उद्देश्य है। साथ ही सोलर आधारित उद्योग-धंधे लगाने के लिए भी प्रोत्साहित करेंगी। वहीं सरकार इनके कार्य का मूल्यांकन करेगी।