टैरिफ वॉर के बीच अलास्का में भारत-अमेरिका युद्धाभ्यास, हाइब्रिड खतरों से निपटने पर फोकस

अगले महीने से अलास्का में शुरू होने जा रही भारत और अमेरिका की साझा मिलिट्री एक्सरसाइज, ‘युद्धाभ्यास’ में पारंपरिक, गैर-पारंपरिक और हाइब्रिड खतरों से निपटने पर खासा जोर दिया जाएगा. दोनों देशों के बीच टैरिफ विवाद और ऑपरेशन सिंदूर की मध्यस्थता को लेकर चल रही तनातनी के बीच, इस एक्सरसाइज को बेहद अहम माना जा रहा है.
1 सितंबर से युद्धाभ्यास, अलास्का के फोर्ट वेनराइट और फोर्ट ग्रीले में होने जा रहा है. भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच वार्षिक मिलिट्री एक्सरसाइज का ये 21वां संस्करण है. ये युद्धाभ्यास, एक साल भारत में और एक साल अमेरिका में होता है.
मद्रास रेजीमेंट के 400 सैनिक लेंगे हिस्सा
जानकारी के मुताबिक, अलास्का में होने जा रहा युद्धाभ्यास, अब तक का सबसे बड़ा संस्करण माना जा रहा है. इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना की मद्रास रेजीमेंट के 400 सैनिक हिस्सा लेने जा रहे हैं, जो अब तक हुई मिलिट्री एक्सरसाइज में सबसे ज्यादा हैं. यूएस आर्मी (पैसिफिक) के 550 सैनिक इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं.
एक्सरसाइज के बारे में जानकारी देते हुए राजधानी दिल्ली स्थित यूएस एंबेसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि युद्धाभ्यास का उद्देश्य प्रशिक्षण और तकनीकी आदान-प्रदान के माध्यम से संयुक्त अंतर-संचालनीयता क्षमताओं को बढ़ाना है. यह एक्सरसाइज, हिस्सा लेने वाले देशों की एकता और साझा उद्देश्य को प्रदर्शित करता है, जिससे अंतर-संचालनीयता और क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने की तत्परता बढ़ती है.
हाइब्रिड खतरों से निपटने के प्रशिक्षण पर केंद्रित
अमेरिका दूतावास के प्रवक्ता के मुताबिक, ‘यह अभ्यास शक्ति के माध्यम से शांति के प्रति (यूएस) प्रशासन की प्रतिबद्धता और संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच स्थायी साझेदारी को दर्शाता है.’ जानकारी के मुताबिक, भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच ये प्रशिक्षण, विशेषज्ञ और शैक्षणिक आदान-प्रदान और प्रोफेशनल वर्कशॉप के साथ शुरू होता है, जो ब्रिगेड-स्तर और उसके नीचे के स्तर पर पारंपरिक, गैर-परंपरागत और हाइब्रिड खतरों से निपटने के प्रशिक्षण पर केंद्रित हैं.
इसके अलावा आपदा के समय राहत और मानवीय सहायता पर भी जोर रहेगा. ऑपरेशन सिंदूर (7-10 मई) के चलते, पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के संबंधों में जबरदस्त खटास आ गई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग, रुकवाने का श्रेय अमेरिका को जाता है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तानी डीजीएमओ के गिड़गिड़ाने के चलते ऑपरेशन रोक दिया गया है.
यूएस आर्मी का भारतीय सेना के साथ युद्धाभ्यास खास
ऐसे में ट्रंप का गुस्सा 7वें आसमान पर है और उसने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. भारत से संबंधों में उस वक्त बड़ी दरार आ गई, जब ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को लंच के लिए न्योता दे डाला था. पाकिस्तान से बढ़ती नजदीकियों के बीच यूएस आर्मी का भारतीय सेना के साथ युद्धाभ्यास अहम माना जा रहा है.
हाल ही में पश्चिमी मीडिया ने टैरिफ वॉर कारण बताते हुए भारत पर अमेरिका से रक्षा सौदे रद्द करने की खबर प्रकाशित की थी. साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अमेरिका दौरा भी अगस्त में रद्द करने का दावा किया था. रक्षा मंत्रालय ने हालांकि, ऐसी किसी भी खबर को बेबुनियाद करार दिया था.
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