इजरायल ने गाजा में की एयर स्ट्राइक, हमले में 20 लोगों मौत, मरने वालों में पत्रकार भी शामिल

गाजा युद्ध लगातार और भी भयावह होता जा रहा है. गाजा के दक्षिणी हिस्से में इजरायली हमले ने सोमवार (25 अगस्त, 2025) को बड़ी जनहानि की. नागरिक सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, खान यूनिस के नासर अस्पताल पर किए गए हमले में कम से कम 20 लोग मारे गए, जिनमें 5 पत्रकार और नागरिक सुरक्षा का एक सदस्य भी शामिल है.
पत्रकारों की मौत पर शोक
इस हमले में अल जजीरा, एसोसिएटेड प्रेस (AP) और रायटर्स से जुड़े पत्रकार मारे गए. अल जजीरा के फोटो जर्नलिस्ट मोहम्मद सलामा की मौत की पुष्टि हुई. AP ने 33 वर्षीय विजुअल जर्नलिस्ट मरियम डग्गा की मौत पर गहरा दुख जताया. रायटर्स ने अपने कॉन्ट्रैक्टर हुस्साम अल-मसरी की मौत और पत्रकार हातेम खालिद के घायल होने की जानकारी दी. फिलिस्तीनी पत्रकार संघ ने बताया कि मारे गए अन्य पत्रकारों में मुआज अबू ताहा और अहमद अबू अजीज शामिल हैं. अबू ताहा कई अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया संस्थानों से जुड़े हुए थे.
इजरायली सेना का बयान
इजरायली सेना ने स्वीकार किया कि उसने नासर अस्पताल क्षेत्र में हमला किया और कहा कि “जनरल स्टाफ ने तत्काल जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं”. सेना ने यह भी कहा कि वह पत्रकारों को निशाना नहीं बनाती है और निर्दोष लोगों को नुकसान पहुंचने पर खेद है.
गाजा सिविल डिफेंस के प्रवक्ता महमूद बास्सल ने कहा कि इजरायली ड्रोन ने अस्पताल की एक इमारत को निशाना बनाया और घायलों को बाहर निकालते समय एयर स्ट्राइक भी की गई. एएफपी फुटेज में धमाके के बाद धुआं, मलबा और खून से लथपथ शव दिखाई दिए. लोग घायल और मृतकों को उठाकर अस्पताल ले जाते दिखे. एक शव इमारत की ऊपरी मंजिल से लटकता हुआ भी देखा गया. हमले में सफेद कोट और मेडिकल ड्रेस पहनी एक महिला गंभीर रूप से घायल हुई. उसके पैर पर भारी पट्टियां थीं और कपड़े खून से सने थे.
पत्रकारों की मौत का आंकड़ा
गाजा-इजरायल युद्ध में अब तक लगभग 200 पत्रकारों की मौत हो चुकी है. हाल ही में गाजा सिटी के अल-शिफा अस्पताल के बाहर हुए हमले में अल जजीरा के 4 कर्मचारी और 2 स्वतंत्र पत्रकार मारे गए थे. कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) और रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) ने कहा कि पत्रकारों को युद्ध में निशाना बनाना गंभीर अपराध है.
गाजा युद्ध की शुरुआत अक्टूबर 2023 में हुई जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1,219 लोग मारे गए थे. इसके बाद से इजरायल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 62,744 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक हैं.