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भारत ने दिखाया बड़ा दिल, पाकिस्तान को पहले ही दे दी बाढ़ की चेतावनी, सोशल मीडिया पर लोग कर रहे…

जम्मू में संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी जारी की है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच सिंधु जल संधि ठंडे बस्ते में है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि मई में सैन्य संघर्ष के बाद यह दोनों पड़ोसियों के बीच पहला बड़ा संपर्क है.

भारतीय उच्चायोग ने दी जानकारी
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग ने 24 अगस्त को पाकिस्तानी अधिकारियों को जम्मू की तवी नदी में बाढ़ की संभावना के बारे में बताया. भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान ने भी अपने यहां चेतावनी जारी की.

पहलगाम में हुआ था आतंकी हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव हुआ. इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु जल संधि को रद्द करने का ऐलान किया था. पाकिस्तान में बाढ़ अलर्ट ऐसे समय आया है जब यह संधि स्थगित है.

आधिकारिक पुष्टि नहीं
न्यूजपेपर द न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत ने बाढ़ से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए पाकिस्तान से संपर्क किया है. हालांकि अभी तक भारत या पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. आमतौर पर इस तरह की सूचनाएं सिंधु जल आयुक्तों के माध्यम से साझा की जाती हैं.

सैन्य संघर्ष के बाद पहली बड़ी बातचीत
सूत्रों के अनुसार, भारत ने जम्मू की तवी नदी में संभावित भीषण बाढ़ के बारे में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए पाकिस्तान को आगाह किया. खबर में यह भी दावा किया गया है कि मई में दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष के बाद यह पहली बड़ी बातचीत है.

NDMA की चेतावनी
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने 30 अगस्त तक पाकिस्तान के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. मानसून की बारिश से जूझ रहे पाकिस्तान में अब तक 788 से अधिक लोगों की मौत और 1,018 लोगों के घायल होने की खबर है.

सिंधु जल संधि का महत्व
सिंधु जल संधि 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल के बंटवारे और उपयोग को नियंत्रित करती रही है. 22 अप्रैल को हमले के बाद भारत ने इस संधि को ‘स्थगित’ कर दिया था.

सोशल मीडिया पर हो रही तारीफ
सोशल मीडिया पर लोग भारत के इस फैसले की जमकर तारीफ कर रहे हैं. कोई भारत के दरियादिल होने की निशानी बता रहा है तो कोई इसे पड़ोसी की तकलीफ में काम आने के तौर पर पेश कर रहा है.

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