‘हम धर्म देखकर नहीं, कर्म देखकर मारते हैं’, ऑपरेशन सिंदूर पर बोले राजनाथ सिंह

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार (24 अगस्त, 2025) को जोधपुर का दौरा किया. इस दौरान मारवाड़ राजपूत सभा भवन में आयोजित भव्य कार्यक्रम में उन्होंने राजपूत समाज की वीरांगनाओं का सम्मान किया और सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मारवाड़ का इतिहास गौरवशाली रहा है. जब मैं सीमाओं पर जवानों से मिलता हूं तो गर्व की अनुभूति होती है.
राजस्थान शक्ति और भक्ति की धरती
राजनाथ सिंह ने कहा कि राजस्थान को दुनिया शक्ति और भक्ति की भूमि के रूप में जानती है. यहां के भामाशाहों की दानशील परंपरा का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि भारत युद्ध भी हमेशा नैतिकता के आधार पर लड़ता आया है.
ऑपरेशन सिंदूर पर बयान
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा, ‘आतंकवादियों से धर्म पूछकर नहीं, बल्कि उनके कर्म देखकर मारा गया. हमारे सैनिक कभी धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि अपने कर्तव्य और नैतिकता के आधार पर लड़ते हैं. हमारा भारत युद्ध में भी नैतिकता के आधार पर चलता है.’
‘भारत किसी को छेड़ेगा नहीं, लेकिन छेड़ा तो छोड़ेगा नहीं’
राजनाथ सिंह ने कहा कि पहलगाम की घटना (22 अगस्त) के अगले ही दिन सेना प्रमुखों की बैठक बुलाई गई थी और सभी तत्काल युद्ध के लिए तैयार थे. उन्होंने दो टूक कहा, ‘भारत किसी को छेड़ेगा नहीं, लेकिन अगर किसी ने भारत को छेड़ा तो भारत उसे छोड़ेगा भी नहीं.’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत दुनिया में मजबूती से खड़ा है. ‘न झुकेंगे, न टूटेंगे’ के आधार पर भारत बढ़ रहा है. आर्थिक क्षेत्र में भारत ने दुनिया में चौथा स्थान हासिल किया है और सबसे तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था बना है.’
गजेंद्र सिंह शेखावत का संबोधन
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि 1965, 1971 और कारगिल युद्ध में मारवाड़ के सपूतों ने अद्वितीय योगदान दिया है. आज भी यह समाज सीमाओं की सुरक्षा में अग्रणी है. उन्होंने रक्षा मंत्री से EWS को लेकर राजस्थान को लाभ दिलाने का आग्रह किया और कहा कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश की परिस्थितियां अलग हैं, इसलिए इस पर पुनर्विचार होना चाहिए. शेखावत ने सैनिक स्कूलों की मान्यता दिलाने के लिए भी आभार जताया.
महाराजा गज सिंह के प्रति मेरा सम्मान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पूर्व महाराजा गज सिंह को भी नमन किया और कहा कि वे सालों से उनके प्रति सम्मान रखते हैं. यह कार्यक्रम न केवल राजपूत समाज की परंपराओं और वीरांगनाओं के सम्मान का प्रतीक रहा, बल्कि इसमें भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक मजबूती का भी स्पष्ट संदेश दिया गया.
ये भी पढ़ें:- बढ़ने वाली है आसिम मुनीर की धुकधुकी! भारतीय नौसेना में आए सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस जंगी जहाज