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दिव्यांगों का मजाक बनाने के लिए 5 कॉमेडियनों ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी, सरकार ने…

दिव्यांगों और गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों का मज़ाक उड़ाने वाले वीडियो के लिए कॉमेडियन समय रैना समेत 5 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है. कोर्ट ने उनसे कहा है कि वह अपने यूट्यूब चैनल और दूसरे प्लेटफॉर्म पर भी माफी मांगें. भविष्य में इस तरह के मज़ाक से बचें. साथ ही, अपने कार्यक्रमों में दूसरों को भी जागरूक बनाएं.

जिन 5 लोगों को कोर्ट ने तलब किया था, वह हैं – समय रैना, विपुन गोयल, बलराज घई, सोनाली ठक्कर और निशांत तंवर. इससे पहले यह सभी 15 जुलाई को भी पेश हुए थे. जस्टिस सूर्य कांत और जोयमाल्या बागची की बेंच ने इन्हें अगली सुनवाई में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है. हालांकि, जजों ने कहा है कि वह आगे इन लोगों पर जुर्माना लगाने पर भी विचार करेगा. उस राशि को दिव्यांग कल्याण से जुड़े कामों में इस्तेमाल किया जाएगा.

सुनवाई के दौरान केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी पेश हुए. उन्होंने बताया कि मंत्रालय इस तरह के कार्यक्रमों को लेकर दिशानिर्देश बनाने जा रहा है. उन दिशानिर्देशों में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि किसी व्यक्ति या समूह के सम्मान को चोट पहुंचाए बिना कॉमेडी हो. 

कोर्ट में चल रही सुनवाई 5 मई को ‘क्योर एसएमए’ की संस्था की तरफ से की गई शिकायत पर चल रही है. स्पाइनल मस्क्युलर अट्रोफी नाम की समस्या के मरीजों की सहायता करने वाली इस संस्था ने समय रैना और विपुन गोयल के कुछ वीडियो की शिकायत की थी. संस्था की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह ने बताया था कि इन लोगों ने गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों का मजाक बनाया है.

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्य कांत ने इस तरह के मज़ाक को असंवेदनशील बताते हुए कड़ी आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि किसी का भी मखौल बनाने और उसे नीचा दिखाने को सही नहीं कहा जा सकता. जज ने कहा, “यह सब हमारी नजर में हेट स्पीच (नफरत फैलाने वाले भाषण) के दायरे में आता है. इससे कैसे निपटना है, यह हम जानते हैं.”

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