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‘लोकतंत्र पर बुलडोजर चलाने जैसा’, पीएम-सीएम को हटाने वाले बिल पर बोले मल्लिकार्जुन खरगे

इंदिरा भवन में हरियाणा और मध्य प्रदेश के नवनियुक्त जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) अध्यक्षों के साथ एक बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार (24 अगस्त, 2025) को केंद्र पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘वोट चोरी’ के बाद भाजपा अब 30 दिनों के भीतर विपक्षी सरकारों को गिराने के मकसद से नए विधेयकों के जरिए ‘सत्ता चोरी’ की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार जो विधेयक लाई है, उससे वो नागरिकों से उनकी चुनी हुई सरकार बनाने या हटाने का अधिकार छीन लेंगे. यह अधिकार ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों को मिल जाएगा. खड़गे ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘यह लोकतंत्र पर बुलडोजर चलाने जैसा है.’

महादेवपुरा ‘वोट चोरी’ को लेकर खरगे का हमला

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में एक सम्बोधन के दौरान विस्तृत जानकारी पेश की थी कि कैसे कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में एक सुनियोजित साजिश के तहत कथित तौर पर वोट ‘चुराए’ गए. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को ये सब 6 महीने की खोजबीन में पता चला.’

मानसून सत्र की ओर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष चाहता था कि संसद चले और प्रमुख सार्वजनिक मुद्दों पर बहस हो, लेकिन भाजपा सरकार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘वोट चोरी’ जैसे मामलों पर चर्चा से बचती रही. भाजपा पर आरोप लगाते हुए खरगे ने कहा कि सरकार चाहती है कि एसआईआर का इस्तेमाल कर विपक्ष के वोटों को छिन लिया जाए.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं से खरगे का आग्रह

कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर विपक्षी वोटों को कम करने के लिए मतदाता सूचियों के एसआईआर का उपयोग करने का आरोप लगाया और पार्टी कार्यकर्ताओं से मतदाता सूचियों पर कड़ी नजर रखने का आग्रह किया, ताकि भाजपा बूथ स्तर पर कांग्रेस के समर्थकों का नाम हटाने की साजिश ना कर सके.

राहुल गांधी के ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का जिक्र करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इसमें लाखों लोग कथित मतदाता हेरफेर के विरोध में जुट रहे हैं, लेकिन पीएम मोदी लोगों को गुमराह करने के लिए घुसपैठियों की बात कर रहे हैं.

क्या है पीएम और सीएम का ये विधेयक

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बुधवार को एक विधेयक पेश किया, जिसमें प्रस्ताव दिया गया है कि गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक जेल में बंद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री को 31वें दिन खुद ही पद से इस्तीफा देना होगा.

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