Martyr Ajit’s last rites performed with military honours Karauli Rajasthan | सैन्य सम्मान के…

शहीद अग्निवीर अजीत सिंह अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव बुद्धपुरा भरतून में किया गया।
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा में शहीद हुए अग्निवीर अजीत सिंह (20) का अंतिम संस्कार आज सैन्य सम्मान से उनके पैतृक गांव बुद्धपुरा भरतून में किया गया। बड़े भाई अंकुर सिंह ने मुखाग्नि दी। सेना के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान अजीतसिंह अमर
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रविवार दोपहर करीब 1 बजे अग्निवीर का पार्थिव शरीर सपोटरा उपखंड में उनके गांव पहुंचा। पार्थिव शरीर के घर पहुंचने पर परिजनों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल हो गया, गांव में शोक की लहर छाई गई।
पैतृक गांव पहुंचा तिरंगे में लिपटा अग्निवीर का पार्थिव शरीर।
सैन्य अधिकारियों के साथ विधायक हंसराज मीणा,पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल, उपखंड अधिकारी बाबूलाल और प्रशासनिक अधिकारियों सहित हजारों लोगों ने शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद घर से श्मशान घाट तक शवयात्रा निकाली गई। जिसमें जनसैलाब उमड़ पड़ा। चारों ओर अजीतसिंह अमर रहे के नारे गूंज उठे।
जिला सैनिक कल्याण कार्यालय पहुंचा पार्थिव शरीर
इस इससे पहले दोपहर करीब 12 बजे अग्निवीर का पार्थिव शरीर सेना के ट्रक से उत्तराखंड से करौली के जिला सैनिक कल्याण कार्यालय पहुंचा। जहां सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष सूबेदार मेजर हरीश गुर्जर, कैप्टन राजकुमार सिंह जादौन, सूबेदार हरि सिंह गुर्जर और अन्य सैन्य अधिकारियों ने पुष्प अर्पित किए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों में हवलदार धर्मेंद्र सिंह बाजना, कृष्णोवता सिंह और रघुराज सिंह चौहान ने भी श्रद्धांजलि दी। भाजपा के जिला प्रवक्ता जितेंद्र सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
पार्थिव शरीर के घर पहुंचने पर परिजनों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल।
DNA टेस्ट से हुई पहचान जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के कप्तान राजकुमार सिंह ने बताया की 14 राजपूताना राइफल्स में तैनात अग्निवीर अजीत सिंह पुत्र मलखान सिंह का शव 19 अगस्त को घटनास्थल के पास ही मिला था। जिसे वहां के अस्पताल में सुरक्षित रखवा लिया था, लेकिन चेहरे से पहचान नहीं हो सकी। इस लिए परिवारजनों का डीएनए लेकर मिलान किया। इसके बाद शव पैतृक गांव पहुंचा, जहां सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।
5 अगस्त को हुए लापता
अग्निवीर अजीत सिंह 5 अगस्त को उत्तराखंड जिले के उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में बादल फटने से आई प्राकृतिक आपदा के बाद से लापता थे। करीब 14 दिन बाद उनका शव सैनिकों और यात्रियों की खोज के लिए चलाए जा रहे विशेष रेस्क्यू अभियान में मिला।
शहीद को सेना के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
20 जून को आर्मी बैस कैंप हर्षिल में की ड्यूटी ज्वाइन
अग्निवीर के छोटे भाई अंकुर सिंह व मौसी के लड़के सुरेंद्र सिंह जादौन ने बताया कि अजीत सिंह 4 जून को आर्मी ट्रेनिंग के बाद 15 दिन की छुट्टी लेकर गांव आया था। इसके बाद 20 जून को 14 राजपूताना राइफल्स आर्मी बैस कैंप हर्षिल (उत्तराखंड) में ड्यूटी ज्वाइन कर ली। 5 अगस्त को धराली में बादल फटने से पानी के बहाव में हर्षिल में स्थित सेना के कैंप में मलबा व पानी घुसने से कई जवान लापता हो गए। उनमें अजीत भी शामिल थे। 4 अगस्त की शाम अंतिम बार अजीत ने बड़ी बहन प्रियंका से फोन पर बात की थी। उसके दूसरे दिन यह हादसा हो गया।
सैन्य सम्मान के साथ हुआ शहीद का अंतिम संस्कार।
विधायक मीणा ने सेना के अधिकारियों से की थी बात
पिछले रविवार को अजीत सिंह के परिजन क्षेत्रीय विधायक हंसराज मीणा से मिले और अजीत सिंह का सुराग लगाने की गुहार की थी। जिस पर उन्होंने कलेक्टर नीलाभ सक्सेना व उत्तरकाशी जनपद कलेक्टर प्रशांत कुमार आर्य और आर्मी बैस शिविर हर्षिल के कैप्टन हर्षवर्धन से फोन पर बातचीत कर आर्मी के जवान का सुराग लगाने का आग्रह किया था।
किसान परिवार में जन्मे अग्निवीर अजीत सिंह के जाने के बाद उनके परिवार में माता-पिता और 2 भाई व 2 बहन रह गए हैं।