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Felicitation Ceremony of Gaganyatri: ‘आज 40 साल बाद बचपन का सपना साकार हुआ’, भारत के पहले…

दिल्ली में गगनयात्रियों के सम्मान समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे भारत माता के सपूत, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके अन्य सहयोगियों, ग्रुप कैप्टन पीवी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप का स्वागत और अभिनंदन करते हुए वास्तव में गर्व महसूस हो रहा है. देशवासियों को आप सभी पर गर्व है, क्योंकि आपने देशवासियों को गौरवान्वित किया है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज जब हम भारत की अंतरिक्ष यात्रा की ओर देखते हैं तो पाते हैं कि हमारा योगदान सिर्फ़ अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने तक ही सीमित नहीं है. आज भारत चांद से लेकर मंगल ग्रह तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है. आज भारत गगनयान जैसे मिशन के लिए भी पूरी तरह तैयार है. मैं इसे सिर्फ़ एक तकनीकी उपलब्धि के रूप में नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के एक नए अध्याय के रूप में देखता हूं, जहां हम दुनिया की प्रमुख अंतरिक्ष शक्तियों के बीच पूरे गौरव के साथ खड़े हैं.

‘शुभांशु शुक्ला हमारे मतदाता भी हैं’

रक्षा मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल प्रयोगशालाओं और प्रक्षेपण यानों तक सीमित नहीं है. यह हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं और वैश्विक दृष्टि का प्रतीक है. भारत अंतरिक्ष को केवल अनुसंधान के क्षेत्र के रूप में नहीं देखता, बल्कि हम इसे कल की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, ऊर्जा और मानवता के भविष्य के रूप में देखते हैं. आने वाले समय में, अंतरिक्ष खनन, गहन अंतरिक्ष अन्वेषण और ग्रहीय संसाधन भी मानव सभ्यता की दिशा बदल देंगे. मैं लखनऊ संसदीय क्षेत्र से आता हूं, शुभांशु शुक्ला वहीं से हैं और वह हमारे मतदाता भी हैं.

‘आज चालीस साल बाद सपना साकार हुआ’
राजनाथ सिंह ने कहा कि चालीस साल पहले, जब राकेश शर्मा भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरिक्ष गए थे, उसके कुछ समय बाद ही शुभांशु शुक्ला का जन्म हुआ और उनके जन्म के साथ ही एक सपना जन्मा था. एक दिन मैं भी इस धरती को आसमान से देखूंगा और आज चालीस साल बाद, न केवल शुभांशु का बचपन का सपना साकार हुआ, बल्कि भारत ने एक बार फिर अंतरिक्ष में अपना परचम लहराया. 

‘शुभांशु शुक्ला बजरंग बली जी के भक्त हैं’

उन्होंने आगे कहा कि मुझे यह भी बताया गया कि शुभांशु शुक्ला बजरंग बली जी के भक्त हैं और आपने वहां (अंतरिक्ष में) कई बार हनुमान चालीसा का पाठ किया होगा. आज हनुमान जी का एक भक्त आसमान की ऊंचाइयों को छूकर लौटा है और हम सबके बीच मौजूद है. मेरा मानना ​​है, यह सिर्फ़ विज्ञान की जीत नहीं है बल्कि यह विश्वास के साहस की प्रतिध्वनि है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे बताया गया कि शुभांशु ने अंतरिक्ष में खेती भी की है. भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है, लेकिन मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि भारत का कोई किसान अंतरिक्ष में जाकर मेथी और मूंग की खेती करेगा. निश्चित रूप से आपका अनुभव हमारे आगामी अभियानों में बहुत मददगार साबित होगा. आज हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुके हैं जहां अंतरिक्ष अब केवल सैन्य शक्ति या तकनीकी कौशल का प्रतीक नहीं रह गया है. यह मानव सभ्यता की सामूहिक यात्रा में एक नया मील का पत्थर है.

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