लाइफस्टाइल

सिंपल लाइफस्टाइल लेकिन आलीशान पसंद, ये है कोकिलाबेन की पहचान

भारत के सबसे बड़े और अमीर कारोबारी घराने अंबानी परिवार की मुखिया कोकिलाबेन अंबानी इन दिनों तबीयत खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती है. 91 साल की उम्र में भी कोकिलाबेन परिवार की रीढ़ मान जाती है. वह रियलाइंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मां है. उनकी दो बेटियां भी हैं नीना कोठारी और दीप्ति सालंगावकर. 

बचपन से सादगी, शादी के बाद निखरी पर्सनालिटी 

कोकिलाबेन अंबानी का जन्म 24 फरवरी 1934 को गुजरात के जामनगर में हुआ था. 1955 में उनकी शादी धीरूभाई अंबानी से हुई. शादी के बाद धीरूभाई ने उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया उन्होंने अंग्रेजी सीखाने के लिए खास टीचर तक लगाया ताकि कोकिलाबेन बड़े अधिकारियों और विदेशी मेहमानों से सहज होकर बातचीत कर सके. धीरूभाई उन्हें विदेश यात्राओं पर भी ले जाते थे जिससे उनका आत्‍मविश्वास और पर्सनालिटी दोनों निखरते गए. 

शिक्षा और जीवनशैली 

कोकिलाबेन ने दसवीं तक पढ़ाई की थी. उस दौर में जब लड़कियों की पढ़ाई अक्सर सीमित रहती थी उन्होंने खुद को समय के साथ ढाला. आज वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है. वह सख्त शाकाहारी है और गुजराती खाने जैसे दाल, ढोकली और रोटी उनकी फेवरेट डिश है. लग्जरी कारों का भी उन्हें शौक है और मर्सिडीज बेंज उनकी पसंदीदा ब्रांड है. 

आस्था और परंपराओं से जुड़ीं 

कोकिलाबेन अंबानी श्रीनाथजी की गहरी भक्त हैं. वह अक्‍सर द्वारिकाधीश मंदिर और नाथद्वारा जाकर दर्शन करती है. अपनी 90वीं सालगिरह पर उन्होंने श्रीनाथजी और लक्ष्मी जी की खूबसूरत कलाकृतियां बनवाई थी. 

आलीशान जिंदगी लेकिन सादगी कायम 

आज कोकिलाबेन अपने बड़े बेटे मुकेश अंबानी के साथ मुंबई के एंटीलिया में रहती है जो दुनिया की सबसे आलीशान इमारत में से एक है. आलीशान महल जैसे घर और लग्जरी कारों के बीच रहते हुए भी उनकी सादगी और पारिवारिक जुड़ा उन्हें अलग बनाता है. 

संपत्ति और विरासत 

कोकिलाबेन के पास रिलायंस इंडस्ट्रीज के करीब 1.57 करोड़ शेयर है जो कंपनी की कुल हिस्सेदारी का लगभग 0.24% है. उनकी नेटवर्थ करीब 18,000 करोड रुपये बताई जाती है. दिलचस्प बात यह है कि उनके पास मुकेश अंबानी से भी ज्यादा शेयर है. उनके नाम पर मुंबई का मशहूर कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल भी है जो उनकी विरासत का हिस्सा है. 

परिवार की असली ताकत 

धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद जब परिवार में बिजनेस को लेकर मतभेद हुए थे तब कोकिलाबेन ने ही आगे बढ़कर दोनों बेटों के बीच सही समझौता कराया. उनकी वजह से परिवार में शांति और एकजुटता बनी रही. आज भी बड़े फैसलों में उनकी राय अहम मानी जाती है.

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