Suddenly water came out of the pond, saved life by going on the roof | तालाब से घरों में घुसा…

कोटा में रविवार को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। जिले में पिछले 2 दिन से रुक-रुककर बारिश लगातार जारी है। इससे कोटा का दीगोद क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है। दीगोद के निमोदा हरि जी गांव में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां शुक्रवार सुबह तेज बा
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ग्रामीणों ने बताया- सुबह नींद से उठे तो देखा घर में तालाब से ओवरफ्लो हुआ पानी भर रहा था। घरों में रखे खाद, बीज, गेहूं सब पानी के साथ बह गए। बाड़े में खड़े जानवर भी बह गए। मकानों की नींव तक धंस गई। कच्चे और पक्के मकान जर्जर हो गए।
ग्रामीणों ने बताया- कई साल बीत गए, लेकिन कभी भी गांव के अंदर इतना पानी नहीं आया। न ही कभी बाढ़ जैसे हालात बने। इस बार आई आपदा से गांव के लोगों का करोड़ों का नुकसान हुआ है।
निमोदा हरि जी गांव की नई बस्ती में बारिश से अनाज भीग गया। बुजुर्ग महिला यहां अनाज बचाने की कोशिश करती दिखी।
पहले जानिए गांव में क्या हुआ निमोदा हरि जी की आबादी 7 हजार के करीब है। यहां 5400 के करीब वोटर हैं। यहां बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही गांव की नई बस्ती में मचाई। दरअसल, निमोदा हरि जी पंचायत से 500-700 मीटर दूरी पर तालाब है। इस तालाब में 4 से 6 हजार बीघा कैचमेंट एरिया का पानी आता है। गुरुवार रात तेज बारिश के बाद शुक्रवार सुबह तालाब ओवर फ्लो हो गया। तालाब का पानी नई बस्ती में घुस गया।
यहां नई बस्ती में 250-300 घर हैं। इनमें कच्चे-पक्के मकान बने हैं। शुक्रवार सुबह 7 बजे अचानक पानी आते ही पक्के मकानों में लोग छतों पर चढ़ गए। छतों पर बैठकर बर्बादी का मंजर देखते रहे। देखते ही देखते मकानों में 5 से 8 फीट तक पानी भर गया। घरों में रखे सामान व बर्तन पानी में तैरने लगे। दैनिक भास्कर इस गांव के हालात जानने पहुंचा।
आगे पढ़िए निमोदा हरि जी गांव से पूरी रिपोर्ट…
शुक्रवार सुबह लोगों के घरों में घुसा पानी शनिवार तक भी नहीं निकला। जगह-जगह लोग पानी निकालते हुए दिखे।
संभलने तक का मौका नहीं मिला
भास्कर टीम निमोदा हरि जी गांव के चौराहे पर पहुंची तो ग्रामीण खड़े थे। सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभाला हुआ था। ग्रामीण बनवारी लाल लोधा ने बताया- 50 साल की उम्र हो गई। लेकिन ऐसी भयानक स्थिति कभी नहीं आई। गुरुवार से बारिश हो रही थी। शुक्रवार सुबह 7 बजे बाद अचानक पानी आया। 1 घंटे में ही कई मकानों में 8 से 10 फीट पानी ही पानी हो गया। हमें संभलने तक का मौका नहीं मिला। बारिश के कारण तालाब का पानी ओवर फ्लो होकर हमारे घर में घुस गया था।
बनवारी लाल लोधा ने बताया- हम लोगों ने अपने जानवर और बच्चों को संभाला, बच्चों को मकान की टांड़ के ऊपर बैठाया। एक दो जानवर हमारे पानी में बह गए। बाकी तो पानी ने सब बर्बाद कर दिया सब कुछ बह गया। खाने तक का दाना नहीं बचा बच्चों की स्कूल की किताबें सभी डॉक्यूमेंट सब कुछ बह गए।
घर के बाड़े में खड़े जानवर भी पानी के तेज बहाव के साथ बह गए।
घर के समान, गाड़ियां, पशु बह गए
पानी से भरे एक मकान के बाहर खड़े नंद बिहारी जांगिड़ ने बताया- इस मकान में मैं और मेरी मां रहती है। मां अभी यात्रा पर गई हुई है। बारिश से अचानक 5 फीट तक पानी पूरे मकान में भर गया। मैं खुद एक पैर से विकलांग हूं। मुझे संभलने तक का मौका नहीं मिला। मेरे घर का पूरा सामान खराब हो गया। इलेक्ट्रॉनिक आइटम, फर्नीचर अंदर और बाहर के कमरों में रखे गेहूं और सोयाबीन खराब हो चुका है। घर के अंदर शनिवार तक भी एक से डेढ़ फीट पानी भरा हुआ है। शुक्रवार से से शनिवार तक मैंने कुछ खाया तक नहीं है। न पीने के लिए पानी है। लाइट गए हुए 24 घंटे से ज्यादा हो गए। प्रशासन की और से खाने पीने की कोई मदद नहीं पहुंची। नेता लोग आए थे देख कर वापस चले गए।
गांव के हालात बताते हुए रोने लगी बुजुर्ग महिला।
हालत बताते हुए रोने लगी बुजुर्ग महिला
हम गांव के लोगों से बात कर रहे थे इस दौरान एक बुजुर्ग महिला ने रोते हुए बताया- पानी आने के बाद हमारे घर का सब कुछ बहता हुआ नजर आया। गैस सिलेंडर, बर्तन, तेल के पीपे, राशन, पशुओं का चारा, सब कुछ बह गया। एकदम से पानी आया और संभालने का मौका ही नहीं मिला। कुछ देर में धीरे-धीरे पानी बढ़ता गया। हमने हमारे पशु छोड़ दिए थे। उसके बाद मकान के अंदर पानी घुसता गया। लोगों ने हमें निकाला। इसके बाद ही मकान के बाहर निकाल पाए। हमारे घर में आज खाने का कुछ भी नहीं बचा अनाज सब खराब हो गए।
दरवाजे खिड़कियां सब टूट गए
गांव के ही जगदीश प्रसाद ने बताया- सुबह 6 बजे उठा तो घर में पानी भर रहा था। अचानक ही तेज बहाव से पानी आता गया। घर के दरवाजे खिड़कियां सब टूट गए। अंदर रखे सामान बह गए। अनाज सब कुछ बह गया। हमें समय ही नहीं मिल पाया कि हम अपने सामानों को एकत्रित कर पाएं। हमने हमारे पशओं को खोल दिया। हमारे लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है।
आर्मी के 70 जवान मौके पर पहुंचे
रेस्क्यू करने आए आर्मी के अधिकारी ने बताया- प्रशासन के जरिए हमें सूचना मिली थी कि दीगोद के निमोद हरि जी गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। 70 जवानों के साथ गांव के लिए निकले तो चारों तरफ से रास्ते बंद थे। बड़ी मुश्किल से हम इस गांव में पहुंच पाए। डूबे हुए मकान के अंदर से सभी ग्रामीणों को रात भर सुरक्षित जगह पहुंचा। निमोदा हरि जी गांव की नई बस्ती में बने कई मकान बारिश के कारण टूट गए। कुछ की हालत जर्जर हो गई। मकानों में भी अभी भी पानी भरा हुआ था। लोग भीगे अनाज को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ लोग बचे कूचे सामानों को संभालने में लगे थे। वहीं, निमोदा हरि जी गांव के सरपंच नंदलाल मीणा ने बताया- यहां के 150 परिवार बेघर हो गए हैं।
आगे तस्वीरों में देखिए गांव में तबाही का मंजर…
पानी के बहाव के कारण एक घर के बाहर खड़ी ट्रोली पलट गई।
लोगों के घर में रखा सामान पानी में डूबकर खराब हो गया।
कच्चे और पक्के हर तरह के मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
घरों की हालत जर्जर हो गई। इसके कारण लोगों को घर छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ा।
घरों में रखा सामान और वाहन सब पानी के कारण खराब हो गए।