राज्य

25 lakh meters were to be installed in 1 year, but only 4.50 lakh were installed, preparations…

बिजली चोरी और छीजत रोकने के लिए एक साल पहले राजस्थान में शुरू किया गया ‘स्मार्ट मीटर’ लगाने का प्रोजेक्ट निजी कंपनी से छीन सकता है। कारण, एक साल पहले तीनों बिजली कंपनियों ने प्रदेश में 1.42 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने के लिए मैसर्स जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक

.

कंपनी को 27 माह में प्रोजेक्ट को पूरा करने की डेडलाइन दी गई थी, लेकिन कंपनी एक साल में सिर्फ 4.50 लाख स्मार्ट मीटर ही लगा पाई है। जबकि, एक साल में 25 लाख से ज्यादा मीटर लग जाने चाहिए थे। ऐसे में कंपनी को खराब प्रोग्रेस के चलते नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

तीन से ज्यादा नोटिस देने के बाद ही कंपनी पर पेनल्टी लगाकर कॉन्ट्रेक्ट रद्द किया जा सकता है। साथ ही, कंपनी पर पेनल्टी लगाने के साथ 7% सिक्योरिटी और परफॉरमेंस राशि जब्त होगी।इसका संकेत ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने भास्कर के साथ बातचीत में दिए।

10 से ज्यादा राज्यों में ठेका, माल सप्लाई में देरी

कंपनी मैसर्स जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के राजस्थान में फेल होने का बड़ा कारण इसके पास क्षमता से ज्यादा काम है। कंपनी के पास राजस्थान सहित 10 से ज्यादा राज्यों में प्रोजेक्ट हैं। इसके चलते निर्धारित समय में ये कंपनी उन राज्यों में भी मीटर की सप्लाई नहीं कर पा रही है। गत साल गोवा में इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था, हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद गोवा के ऊर्जा विभाग ने राहत दी थी।

कंपनी ने राजस्थान में स्मार्ट मीटर का प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए बिड में भाग लिया और तकनीकी व फाइनेंशियल बिड खुल गई थी। हाईकोर्ट से राहत मिलने तक ऊर्जा विभाग के टॉप स्तर पर वर्क ऑर्डर देने की प्रक्रिया होल्ड की गई थी।

तीनों डिस्कॉम में प्रोग्रेस खराब

प्रदेश में 1.42 करोड़ उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है। अब तक 4.50 लाख मीटर ही लग सके हैं।

  • जयपुर डिस्कॉम: 47.63 लाख उपभोक्ता, 2.20 लाख स्मार्ट मीटर लगे।
  • अजमेर डिस्कॉम : 54.32 लाख उपभोक्ता, 1.60 लाख स्मार्ट मीटर लगे।
  • जोधपुर डिस्कॉम : 40.80 लाख उपभोक्ता, 70 हजार स्मार्ट मीटर लगे।

(आंकड़े बिजली कंपनियों के अनुसार )

बिना टेस्टिंग मीटर लगाए, फिर विरोध

नियमानुसार तीनों कंपनियों की लैब में मीटर की टेस्टिंग होनी थी। 1000 स्मार्ट मीटर के लॉट में से 32 की टेस्टिंग जरूरी है। लेकिन अफसरों की मेहरबानी से बिना टेस्टिंग के मीटर लग रहे हैं। फील्ड में लोग काफी विरोध कर रहे हैं।

सख्ती…700 करोड़ रुपए सिक्योरिटी राशि जब्त हो सकती है

  • नियम के तहत कंपनी की 2% सिक्योरिटी बैंक गारंटी (एसबीजी) और 5% परफॉरमेंस बैंक गारंटी (पीबीजी) जमा है।
  • डिस्कॉम की ओर से कंपनी को तीन से चार नोटिस और दिए जाएंगे। इसके बाद 10 % तक पेनल्टी लगेगी।
  • इस तरह प्रोग्रेस नहीं बढ़ी तो फिर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी। एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार कॉन्ट्रेक्ट ड्रॉप भी हो सकता है।
  • डिस्कॉम में जमा कंपनी की सिक्योरिटी करीब 700 करोड़ से ज्यादा जब्त भी की जा सकती है।

नोटिस पर भी काम नहीं होगा तो कंपनी को टर्मिनेट करेंगे : नागर “हम इसके लिए लगातार रिव्यू मीटिंग करवा रहे हैं। समय पर स्मार्ट नहीं लगाने पर लगतार नोटिस दिए जा रहे हैं। जिस क्षमता से स्मार्ट मीटर लगने चाहिए थे, उस क्षमता से नहीं लग रहे हैं। नोटिस देने के बावजूद फिर भी कार्य नहीं होगा, तो टर्मिनेट कर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।” – हीरालाल नागर, ऊर्जा मंत्री

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button