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गुरुग्राम और दिल्ली में ईडी का एक्शन, फर्जी कॉल सेंटर पर मारा छापा, 100 करोड़ की संपत्ति का…

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध कॉल सेंटर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार (23 अगस्त, 2025) को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. ईडी ने इस मामले की जांच के तहत हरियाणा के गुरुग्राम और नई दिल्ली में कुछ 7 ठिकानों पर छापेमारी की. देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में यह कार्रवाई पीएमएलए 2002 के तहत की गई.

ईडी की जांच में सामने आया है कि आरोपी अर्जुन गुलाटी, दिव्यांश गोयल और अभिनव कालरा, नोएडा और गुरुग्राम में ऐसे कॉल सेंटर चला रहे थे. ये कॉल सेंटर तकनीकी सहायता देने का झांसा देकर अमेरिकी नागरिकों को फंसा रहे थे. इस घोटाले के जरिए आरोपियों ने करीब 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 125 करोड़ रुपये) की ठगी की है.

ईडी की जांच में क्या हुआ खुलासा?

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी. सीबीआ की प्राथमिकी बताया गया था कि कुछ अज्ञात आरोपी व्यक्तियों ने आपराधिक साजिश के तहत फर्जी कॉल सेंटर चलाकर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया. यह धोखाधड़ी नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 के बीच दिल्ली और आसपास के इलाकों से की गई. इसी मामले को संज्ञान में लेने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह कार्रवाई शुरू की.

वहीं, ईडी की दिल्ली और गुरुग्राम में छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए हैं. साथ ही, साइबर फ्रॉड में शामिल प्रमुख लोगों के बयान भी दर्ज किए गए, जिससे धोखाधड़ी का पूरे तरीके का खुलासा हुआ है.

30 बैंक खाते किए गए फ्रीज, 8 लग्जरी कारें और कई कीमती घड़ियां जब्त

इस कार्रवाई के दौरान 30 बैंक खातों को फ्रीज किया गया और आरोपियों की 8 लग्जरी कारें और कई कीमती घड़ियां भी जब्त की गईं. जांच में यह भी पता चला कि आरोपी इन कॉल सेंटरों से कमाए गए पैसे से आलीशान बंगले और 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां खरीद चुके हैं. ईडी की यह कार्रवाई साइबर अपराध के नेटवर्क पर बड़ा प्रहार मानी जा रही है. फिलहाल, मामले की आगे की जांच जारी है.

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