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Innova-trailer collision in Mau | कुलपति हरेराम तिवारी और पत्नी की हादसे में मौत: ड्राइवर को…

सुशील सिंह | मऊ5 मिनट पहले

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यूपी के मऊ में महाराष्ट्र के कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति और उनकी पत्नी की हादसे में मौत हो गई। शनिवार सुबह वह इनोवा कार से वाराणसी से कुशीनगर अपने घर जा रहे थे। दोहरीघाट के पास उन्हें झपकी आ गई।

इससे इनोवा बेकाबू हो गई और सड़क किनारे खड़े ट्रेलर में पीछे से घुस गई। कुलपति और उनकी पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीछे बैठा ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद काफी देर तक पति-पत्नी का शव गाड़ी में ही पड़ा रहा। होश आने पर ड्राइवर ने फोन करके हादसे की सूचना पुलिस को दी।

पुलिस ने कार का गेट काटकर दोनों शवों और घायल युवक को बाहर निकाला। हादसा इतना भयानक था कि एयरबैग खुलने के बाद भी दोनों की जान नहीं बची। कार बुरी तरह डैमेज हो गई।

हादसा वाराणसी-गोरखपुर हाईवे (NH-29) पर दोहरीघाट के अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप के पास हुआ। पुलिस की जांच में पता चला है कि ड्राइवर को नींद आ रही थी, इसलिए कुलपति खुद कार चला रहे थे। बगल में उनकी पत्नी बैठी थीं, जबकि ड्राइवर पीछे की सीट पर सो रहा था।

तस्वीरें देखिए…

हादसा इतना तेज था कि कार बुरी तरह से डैमेज हो गई।

हादसे में एयरबैग खुलने के बाद भी हरेराम की जान नहीं बच पाई।

ड्राइवर को झपकी आई तो खुद कार चलाने लगे कुलपति

हरेराम तिवारी (58) कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक (महाराष्ट्र) के कुलपति थे। वह कुशीनगर जिले के रहने वाले थे। शनिवार सुबह अपनी पत्नी बदामी देवी (52) और ड्राइवर वैभव मिश्रा (28) के साथ वाराणसी से कुशीनगर जा रहे थे।

ड्राइवर वैभव ने बताया- मऊ में पहुंचे ही थे, तभी मुझे झपकी आने लगी। इस पर कुलपति ने कहा कि तुम पीछे बैठकर थोड़ी देर सो जाओ, कुछ देर मैं ड्राइव कर लूंगा। इसके बाद मैं पीछे की सीट पर जाकर सो गया। कुछ ही देर बाद गाड़ी सड़क पर खड़े ट्रेलर में पीछे से टकरा गई।

सीट बेल्ट न लगाने की वजह से कुलपति की पत्नी कार में गिर गईं, जिससे उनकी मौत हो गई।

ड्राइवर बोला- होश आने पर मैंने पुलिस को सूचना दी

ड्रावर ने कहा- हादसा इतना तेज था कि एयरबैग खुलने के बाद भी कुलपति स्टेयरिंग से चिपक गए। उनकी पत्नी ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था, जिसकी वजह से वह सीट से नीचे गिर गईं और उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद मैं भी बेहोश हो गया था। होश आने पर देखा कि मैं भी गाड़ी में बुरी तरह फंसा हुआ था।

कुलपति और उनकी पत्नी की मौत हो चुकी थी। इसके बाद मैंने फोन कर पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर बाद पुलिस पहुंची और इनोवा कार का गेट काटकर हम लोगों को बाहर निकाला। ASP अनूप कुमार ने बताया- अभी कुलपति के परिजन नहीं पहुंचे हैं। इस मामले में अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर के बाद ट्रेलर के ड्राइवर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

कुलपति और उनकी पत्नी बनारस से अपने घर कुशीनगर जा रहे थे

कुलपति हरेराम तिवारी इकलौते बेटे थे। उनकी 6 संतानें हैं- तीन बेटे और तीन बेटियां। बड़े बेटे राजन (36) सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। मंझले बेटे विनय (32) प्रोफेसर हैं, जबकि सबसे छोटे बेटे गोपाल (28) पिछले 10 वर्षों से बेड रेस्ट पर हैं और कुलपति के साथ ही रहते थे। वहीं, बड़ी बेटी वंदना (34) की शादी हो चुकी है। बाकी दो बेटियां पुनीता (26) और अर्चना (20) पढ़ाई कर रही हैं।

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