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ट्रंप ने जिन्हें बनाया भारत में अमेरिका का राजदूत, एलन मस्क ने उन्हें बता दिया ‘Snake’, क्यों…

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (22 अगस्त 2025) को सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का अगला राजदूत और दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत नामित किया है. सर्जियो गोर और DOGE के पूर्व चीफ एलन मस्क के बीच काफी अदावतें थीं. मस्क ने एक बार गोर को ‘स्नेक’ बता दिया था. 

न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सर्जियो गोर ने स्थायी सुरक्षा मंजूरी के लिए आवश्यक पृष्ठभूमि दस्तावेज पूरे नहीं किए थे और वह अब तक अंतरिम मंजूरी के तहत काम कर रहे थे. हालांकि व्हाइट हाउस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि गोर ने सभी दस्तावेज पूरे कर लिए हैं. इस रिपोर्ट के बाद एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गोर को सांप बताते हुए उनकी आलोचना की और संबंधित रिपोर्ट का लिंक साझा किया.

एलन मस्क और गोर के बीच क्यों है टकराव?

द हिल की रिपोर्ट के अनुसार, मस्क और गोर के बीच कैबिनेट बैठकों में भी सीधे टकराव हुए. मस्क ने कार्मिक निर्णयों और गोर की भूमिका को लेकर तीखी आपत्ति जताई. इस विवाद का एक अहम मोड़ तब आया जब मस्क के सहयोगी जेरेड इसाकमैन को नासा का प्रमुख नामित किया गया. नामांकन वोटिंग से पहले ही रद्द कर दिया गया क्योंकि गोर ने ट्रंप को इसाकमैन की राजनीतिक पृष्ठभूमि बताई, जिसमें डेमोक्रेट्स को किए गए पिछले दान का उल्लेख था. यह कदम मस्क के गुस्से का बड़ा कारण बना. हालांकि, प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि इसाकमैन का नामांकन वापस लेने का अंतिम फ़ैसला राष्ट्रपति ट्रंप ने ही किया.

एलन मस्क DOGE चीफ के पद से दे चुके हैं इस्तीफा

मई 2025 में एलन मस्क ने सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के प्रमुख पद से इस्तीफ़ा दे दिया. यह पद संघीय व्यय में कटौती के लिए बनाया गया था. मस्क का कार्यकाल एक विशेष सरकारी सलाहकार के लिए निर्धारित अधिकतम अवधि के करीब था, लेकिन इस्तीफ़े के बाद ट्रंप प्रशासन से उनका पहला बड़ा सार्वजनिक टकराव भी सामने आया. यह विवाद तब और गहराया जब ट्रंप प्रशासन ने कर-और-व्यय बजट विधेयक को प्रतिनिधि सभा में पारित किया, जो केवल एक वोट के अंतर से पास हुआ. मस्क का मत इस प्रक्रिया में अहम माना जा रहा था.

ट्रंप के करीबी हैं सर्जियो गोर

गोर, जो लंबे समय से ट्रंप परिवार के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, अब भारत में अमेरिका के नए राजदूत होंगे. वहीं, एलन मस्क और ट्रंप प्रशासन के बीच यह टकराव यह दिखाता है कि अंदरूनी मतभेद कितने गहरे हैं. गोर की नियुक्ति को लेकर पहले से ही विवाद होने के कारण यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों पर भी सियासी बहस को जन्म दे सकता है.

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