Himachal News: female health worker Kamla vaccinated child risking her life | jumped across the…

मंडी की चौहारघाटी में उफनते नाले को को पार करते हुए फीमेल हेल्थ वर्कर कमला
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक महिला हेल्थ वर्कर ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक बच्चे का टीकाकरण किया। कमला ने 2 महीने के बच्चे काे टीका लगाने गई थी, लेकिन रास्ते में बना पुल बादल फटने से बह चुका था। कमला ने हालात को देखते हुए उफनते नाले को पार कि
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कमला का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह पानी से उफनते हुए नाले को पांच से छह फुट लंबी छलांग लगाकर पार कर रही है। इस दौरान यदि थोड़ी भी चूक हो जाती तो पानी में बहने से उनकी जान भी जा सकती थी।
उफनते नाले को पार करते वक्त कमला का वहां मौजूद स्थानीय लड़कों ने वीडियो बना लिया। मंडी की चौहारघाटी का यह वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। 47 सेकेंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला कर्मी ने पीठ में वैक्सीन का डिब्बा उठा रखा है।
मंडी की चौहारघाटी में उफनते नाले पर छलांग लगाते हुए कमला
पहले कमला अपने जूते उतारती हैं, फिर जूते हाथ में उठाकर उफनते नाले के ऊपर छलांग लगाती हैं। एक बड़ी चट्टान से कूदने के बाद जब महिला के पांव दूसरी चट्टान पर पड़ते हैं, तो इस दौरान वह थोड़ी डिस्बैलेंस हो जाती हैं। आखिर में वह संभल जाती हैं और उफनते नाले को पार कर देती हैं।
बादल फटने से बह गया था पुल
बता दें कि 20 अगस्त को बादल फटने से शिल्हबुधानी पंचायत के नालों में बाढ़ आ गई। इससे नाले पर लगा पुल बह गया। इस वजह से कमला को छलांग मारकर खड्ड को पार करना पड़ा।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर पद्धर डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि बीते सप्ताह चौहारघाटी के एक सब सेंटर में टीकाकरण को कैंप लगाया गया। इस दिन हुरंग गांव के 2 महीने के बच्चे का टीका छूट गया था। इसके बाद फीमेल हेल्थ वर्कर कमला 20 अगस्त को खुद बच्चे के टीकाकरण के लिए उस बच्चे के घर गई। उन्हें इसकी जानकारी भी वीडियो वायरल होने के बाद लगी।
मंडी की चौहारघाटी में उफनते नाले पर छलांग लगाने से पहले जूते उतारते हुए कमला
कमला का नाम पुरस्कार को रिकमेंड करेंगे: BMO
डॉ. गुप्ता ने बताया, कमला को विभाग के ऐसे कोई आदेश नहीं थे, क्योंकि उफनते नाले के कारण जान भी जा सकती थी। उन्होंने कहा, विभाग कभी भी ऐसा करने की सलाह नहीं देता, लेकिन उन्होंने कमला के साहस की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, यदि विभाग के आदेश होंगे तो कमला का नाम पुरस्कार के लिए रिकमेंड किया जाएगा।
मंडी की चौहारघाटी में उफनते नाले को पार करते वक्त कमला
उन्होंने बताया, कमला ऐसे में साहसी और मेहनती कर्मचारी है। उन्हें जो भी काम बोला जाता हैं, वह कभी इनकार नहीं करती। इससे पहले वह दुर्गम क्षेत्र चंबा के किलाड़ में भी सेवाएं दे चुकी हैं। करीब 4 साल पहले ही वह ट्रांसफर हुईं। चौहारघाटी क्षेत्र के सुधार गांव की रहने वाली हैं।
सुधार में तैनात है कमला
डॉ. गुप्ता ने बताया कि कमला पीएचसी सुधार में तैनात है। बीते दिनों बादल फटने के बाद कलमा का ड्यूटी हेल्थ कैंप में लगाई गई है। उन्होंने सभी कर्मचारियों से अपील की कि ऐसा जोखिम न लें।