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एलन मस्क ने कहा था Snake, 12 साल की उम्र में आए US… कौन हैं सर्जियो गोर, जिन्हें डोनाल्ड…

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (22 अगस्त,2025) को ऐलान किया कि ताशकंद (उज़्बेकिस्तान) में जन्मे और वर्तमान में व्हाइट हाउस के प्रमुख अधिकारी सर्जियो गोर को भारत का नया राजदूत नियुक्त किया जाएगा.

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर गोर की तारीफ करते हुए लिखा -“दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र के लिए मेरे पास ऐसा व्यक्ति होना जरूरी है, जिस पर मैं पूरी तरह भरोसा कर सकूं. सर्जियो मेरे कई वर्षों के करीबी मित्र रहे हैं और वे एक शानदार राजदूत साबित होंगे.”

सबसे युवा अमेरिकी राजदूत
सर्जियो गोर की उम्र 39 साल है. वह भारत में नियुक्त होने वाले सबसे युवा अमेरिकी राजदूत होंगे. वह डेमोक्रेटिक नेता एरिक गार्सेटी की जगह लेंगे, जो बाइडेन प्रशासन की समाप्ति के बाद कैलिफोर्निया लौट गए थे. अगर सीनेट से पुष्टि मिलती है, तो गोर भारत में राजदूत होने के साथ-साथ दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत (Special Envoy) भी होंगे. इस क्षेत्र में पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं, जहां अमेरिका के पास अभी पूर्णकालिक राजदूत नहीं हैं.

गोर का राजनीतिक सफर
गोर ट्रंप के लिए व्हाइट हाउस प्रेसिडेंशियल पर्सोनल ऑफिस के डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे थे. उन्होंने ट्रंप के अनुसार, विभिन्न विभागों में लगभग 4,000 MAGA (America First) समर्थकों को भर्ती कराया. वे ट्रंप की राष्ट्रपति चुनाव अभियान टीम और सुपर PAC (Political Action Committee) का हिस्सा रहे, जो “Make America Great Again” आंदोलन को समर्थन देता था. उन्होंने ट्रंप की बेस्टसेलिंग किताबों को भी प्रकाशित किया.

एलन मस्क ने सर्जियो गोर को कहा था ‘सांप’ 
जून 2025 में एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में सर्जियो गोर को “सांप” तक कह दिया था. यह टिप्पणी न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के बाद आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि गोर ने अपनी स्थायी सुरक्षा मंजूरी  के लिए जरूरी दस्तावेज पूरे नहीं किए थे. उस समय गोर व्हाइट हाउस प्रेसीडेंशियल पर्सनल ऑफिस के निदेशक थे और हजारों कार्यकारी शाखा कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच की देखरेख कर रहे थे.

भारत से कोई खास जुड़ाव नहीं
सर्जियो गोर का भारत से अब तक कोई प्रत्यक्ष जुड़ाव या काम नहीं रहा है. उनका जन्म ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में हुआ था, जब वह सोवियत संघ का हिस्सा था. 1999 में 12 साल की उम्र में वह अपने परिवार के साथ अमेरिका आ गए. उनके पिता यूरी गोरोकहोव्स्की सोवियत सैन्य विमानों के डिजाइन पर काम करने वाले एक एविएशन इंजीनियर थे. उनकी मां इजरायली मूल की बताई जाती हैं.

शिक्षा और करियर की शुरुआत
गोर का परिवार अमेरिका के लॉस एंजिलिस में बस गया, जहां उन्होंने पढ़ाई की. इसके बाद वे जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी (वॉशिंगटन डीसी) में पढ़ाई के लिए गए. छात्र जीवन से ही वे रिपब्लिकन राजनीति से जुड़े रहे. उन्होंने स्टीव किंग और मिशेल बाचमैन जैसे फार राइट विचारधारा वाले सांसदों के प्रवक्ता के रूप में काम किया. बाद में वह सीनेटर रैंड पॉल के स्टाफ में शामिल हुए और डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ बने.

कैसे बने ट्रंप के करीबी
सर्जियो गोर 2020 के चुनावों के दौरान ट्रंप की टीम से जुड़े और तेजी से MAGA आंदोलन के अहम चेहरे बन गए. वह ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो एस्टेट के पास रहते थे.2024 में ट्रंप की जीत के बाद उन्हें व्हाइट हाउस प्रेसिडेंशियल पर्सोनल ऑफिस का डायरेक्टर बना दिया गया.

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