Sound Healing Therapy; Shagun Kaushal | Ajmer Panch Tatva Treatment | अलग-अलग ध्वनि सुनाकर…

अगर आप शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस कर रहे हैं या नींद न आने की समस्या से परेशान हैं, तो इसका इलाज अब साउंड यानी ध्वनि करने का दावा है।
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अजमेर की शगुन कौशल (29) पंच तत्वों – हवा, पानी, आकाश, धरती और अग्नि- की आवाज से लोगों के दर्द का इलाज करने के साथ-साथ उनके ऊर्जा स्तर को भी बढ़ा रही हैं।
शगुन के अनुसार, हमारा शरीर पंच तत्वों से बना है, और जब इनमें से किसी तत्व की कमी या अधिकता हो जाती है, तो शरीर में असंतुलन पैदा हो जाता है।
वे इसी असंतुलन को पंच तत्वों की आवाज निकालने वाले उपकरणों, जैसे कि बैम्बू इस्क्रेपर, रेन रैटल, स्ट्रोम साउंड, रैटल और श्रुति थाली आदि से तरह-तरह की आवाज निकालकर ठीक करती हैं। इस प्रक्रिया में लगभग 45 मिनट से 1 घंटे का समय लगता है।
शगुन ने बताया कि वे भारतीय सेना को भी साउंड हीलिंग का सेशन दे चुकी हैं, जिसके जवानों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
इसके अलावा, पुष्कर में विदेशी पर्यटकों और शहर के विभिन्न समूहों को साउंड हीलिंग देने के बाद भी लोगों ने सकारात्मक अनुभव साझा किए हैं।
साउंड हीलिंग की प्रक्रिया क्या है? शगुन कौशल बताती हैं कि जब भी कोई क्लाइंट उनके पास आता है, तो वे उनसे बात करके उनकी समस्या को समझती हैं। इस दौरान वे यह भी जांचती हैं कि उनके शरीर में कौन सा तत्व अधिक है या कौन सा कम है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर वे अपना सेशन शुरू करती हैं।
मरीज को एक बिस्तर पर लेटाकर आंखें बंद करके आराम करने के लिए कहा जाता है। यह सेशन लगभग 45 मिनट से 1 घंटे तक चलता है, जिसमें सभी उपकरणों की ध्वनियों का एक साथ उपयोग करके उन्हें आराम दिलाया जाता है और उनकी भावनाओं को मुक्त किया जाता है।
पुष्कर में आने वाले विदेशी सैलानी भी साउंड हीलिंग थैरेपी ले रहे हैं। यह सेशन करीब एक घंटे का रहता है।
इस इलाज के लिए ISSP कोर्स जरूरी
शगुन ने बताया कि ओरोविल पांडिचेरी के पास स्वरम ऑर्गेनाइजेशन है, जो यह कोर्स करवाता है। इस कोर्स को ISSP (इंटेग्रिटी साउंड सोनिक प्रैक्टिस) कहा जाता है। इस कोर्स को चार लेवल में पूरा किया जाता है, जिसमें एक से डेढ़ साल का समय लगता है। भारत में कई जगहों पर यह कोर्स कराया जाता है, जो हीलिंग प्रैक्टिस के लिए आवश्यक है।
शगुन कौशल भारतीय सेना के जवानों और अलग-अलग संस्थाओं को भी साउंड हीलिंग का सेशन दे चुकी हैं।
डिप्रेशन में रहने वाले बच्चों की काउंसलिंग भी करती हैं शगुन
शगुन कौशल अजमेर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर के सेंट स्टीफन स्कूल से पूरी की है। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी ऑनर्स भी किया है। इसके साथ ही, उन्होंने सेंट जेवियर से काउंसलिंग साइकोलॉजी में पीजी डिप्लोमा भी किया था। शगुन साउंड हीलिंग से इलाज करने के साथ-साथ डिप्रेशन में रहने वाले बच्चों और अन्य लोगों की काउंसलिंग भी करती हैं।
अस्पताल में करीब 230 स्पीकर लगवाए गए
अजमेर के जेएलएन अस्पताल में अब मरीजों का उपचार म्यूजिक थेरेपी से भी की जा रही है। इसके लिए अस्पताल में करीब 230 स्पीकर लगवाए गए हैं।
अस्पताल प्रशासन ने 160 स्पीकर न्यू मेडिसिन ब्लॉक में लगवाए हैं। इन स्पीकर पर धीमी आवाज में भजन व क्लासिकल गाने की धुन बजाई जा रही ।
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