क्या भारत के चुनावों में वोटिंग बढ़ाने के लिए अमेरिका से आए करोड़ों रुपये? विदेश मंत्रालय ने…

विदेश मंत्रालय ने संसद में कहा कि अमेरिकी दूतावास ने जानकारी दी है कि यूएसएड/भारत ने वित्त वर्ष 2014 से 2024 तक भारत में मतदान प्रतिशत के लिए 2.1 करोड़ डॉलर का न तो वित्तपोषण लिया, न ही प्रदान किया, न ही इसने भारत में मतदान प्रतिशत से संबंधित कोई कार्य संपन्न किया है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (21 अगस्त, 2025) को माकपा के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही.
जॉन ब्रिटास ने भारतीय चुनावों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) के धन के उपयोग का दावा करने वाली रिपोर्ट पर सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की स्थिति के बारे में सवाल किया था.
अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी आंकड़े
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने अपने लिखित जवाब में कहा, ‘28 फरवरी को विदेश मंत्रालय ने नयी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से अनुरोध किया कि वह पिछले दस साल में भारत में यूएसएड की ओर से सहायता प्राप्त/वित्त पोषित सभी परियोजनाओं (भारत सरकार के साथ सात साझेदारी करारों के तहत क्रियान्वित की जा रही परियोजनाओं को छोड़कर) पर किए गए व्यय का विवरण तत्काल प्रस्तुत करें.’
उन्होंने कहा, ‘दो जुलाई को अमेरिकी दूतावास की ओर से आंकड़े साझा किए गए, जिसमें उनके अनुसार 2014 से 2024 तक भारत में यूएसएड की ओर से किए गए वित्तपोषण में कार्यान्वयन भागीदारों, उद्देश्यों और प्रत्येक गतिविधि की प्रमुख उपलब्धियों का विवरण शामिल है.’
यूएसएड की ओर से सभी कार्यों को बंद करने की योजना
सिंह के अनुसार, दूतावास ने उल्लेख किया कि यूएसएड/भारत ने वित्तीय वर्ष 2014 से 2024 तक भारत में मतदान प्रतिशत के लिए 2.1 करोड डॉलर का वित्तपोषण प्राप्त या प्रदान नहीं किया, न ही इसने भारत में मतदान प्रतिशत से संबंधित कोई कार्य संपन्न किया है.
उन्होंने कहा कि 29 जुलाई को अमेरिकी दूतावास ने विदेश मंत्रालय को सूचित किया कि वह 15 अगस्त 2025 तक यूएसएड के सभी कार्यों को बंद करने की योजना बना रहा है. 11 अगस्त 2025 को नयी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने आर्थिक मामलों के विभाग को प्रेषित पत्र में अवगत कराया कि भारत सरकार के साथ हस्ताक्षरित सभी सात साझेदारी करार 15 अगस्त 2025 से समाप्त हो जाएंगे.
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