राष्ट्रीय

‘पाकिस्तान अभी भी डंपर है तो ये उनकी नाकामी’, आसिम मुनीर के बयानों पर राजनाथ सिंह ने ली चुटकी

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार (22 अगस्त, 2025) को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के बयान पर चुटकी ली. उन्होंने पाकिस्तानी सेना के चीफ के बयानों पर कहा कि हाल ही में आसिम मुनीर अपने बयान पर पाकिस्तान के अंदर और बाहर पूरी दुनिया में भी खूब ट्रोल हुए.

उन्होंने कहा, “सबने यही कहा कि अगर दो देश एक साथ आजाद हुए और एक देश ने कड़ी मेहनत, सही नीतियों और दूरदृष्टि से फरारी जैसी अर्थव्यवस्था बनाई और दूसरा अभी भी डंपर की स्थिति में है तो यह उनकी अपनी नाकामी है. मैं आसिम मुनीर के इस बयान को उनके एक कंफेशन के रूप में भी देखता हूं.”

मुनीर का बयान लुटेरी मानसिकता की ओर करता है इशारा- राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने जाने-अनजाने में एक ऐसी कबीलाई और लुटेरी मानसिकता की तरफ इशारा किया है, जिसका शिकार पाकिस्तान अपने जन्म से रहा है. मुझे ऐसा लगता है कि हमें पाकिस्तानी सेना के इस भ्रम को तोड़ना होगा. ऑपरेशन सिंदूर के चलते तो वैसे उनके मन में यह भ्रम उत्पन्न होना भी नहीं चाहिए था. पर हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत की समृद्धि, हमारी संस्कृति और हमारी आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ, हमारी रक्षा क्षमता और अपने राष्ट्रीय सम्मान के लिए लड़ने की भावना भी उतनी ही सशक्त बनी रहे. हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारी सभ्यता में, हमारे राष्ट्र में लड़ने का जज्बा भी जिंदा रहे.”

सभी के भलाई के लिए बने वर्ल्ड ऑर्डर- राजनाथ

उन्होंने कहा, “हमने हमेशा एक ऐसे वर्ल्ड ऑर्डर की कल्पना की है, जहां शक्ति उत्तरदायित्व की ओर से निर्देशित हो, उद्देश्य में सभी की भलाई में निहित हो और साझेदारी राष्ट्रों के बीच संबंधों की स्वाभाविक स्थिति हो. भारतीय लोकाचार वर्ल्ड ऑर्डर को प्रभुत्व की प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं, बल्कि सभी के लिए सद्भाव, सम्मान और पारस्परिक सम्मान की ओर एक साझा यात्रा के रूप में देखता है.”

उन्होंने कहा, “हमारी परंपरा में शक्ति का माप आदेश देने की क्षमता में नहीं, बल्कि देखभाल करने की क्षमता में है; संकीर्ण हितों की खोज में नहीं, बल्कि वैश्विक भलाई के प्रति प्रतिबद्धता में है. हम सदियों से ही ग्लोबल ऑर्डर के पक्ष में रहे हैं. हमारे लिए कोई नई बात नहीं है. आज के समय में एक और प्राथमिकता इसमें जुड़ गई है और वो यह कि हम ग्लोबल टकराव और समस्याओं पर बातचीत करें और उनका समाधान करें.”

भारत के नेतृत्व में हीं बन सकता है वर्ल्ड ऑर्डर- राजनाथ

उन्होंने यह भी कहा, “हमें ये भी स्वीकार करना होगा कि समकालीन वर्ल्ड ऑर्डर ने कुछ देशों को अभूतपूर्व समृद्धि दी है, तो वहीं दुनिया की एक बड़ी आबादी को सिर्फ असमानता, असुरक्षा और अनिश्चितता ही दी है. इस व्यवस्था से कई संघर्षों को भी जन्म दिया है. इसलिए यह व्यवस्था सभी के लिए एक समान रूप से एक अवसर है. ऐसे में, यह जरूरी है कि हम एक नई नियमों पर आधारित वर्ल्ड ऑर्डर का निर्माण करें. एक ऐसा वर्ल्ड ऑर्डर जहां समानता हो. सभी के लिए समान अवसर हों. संघर्ष की जगह सहयोग हो. प्रतिस्पर्धा की जगह सहयोग हो. मेरा मानना ​​है कि ऐसा वर्ल्ड ऑर्डर भारत के नेतृत्व में ही बन सकता है.”

यह भी पढ़ेंः ‘बिहार SIR में आधार कार्ड या 11 अन्य दस्तावेज मान्य हैं’, चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट की दो टूक



Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button