अमेरिकी डॉलर की मजबूती के सामने आज धराशायी हो गया रुपया, जानें करेंसी रिंग में कितने से खाई मात

Rupee vs Dollar: भारतीय रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर खुला और शुरुआती कारोबार में 11 पैसे टूटकर 87.36 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. इसका मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर की लगातार बढ़ती मांग है. हालांकि विदेशी पूंजी प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपये में तेज गिरावट को सीमित किया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.37 पर खुला और 87.36 प्रति डॉलर पर आ गया, जो पिछले बंद भाव से 11 पैसे कमजोर था. एक दिन पहले गुरुवार को यह 87.25 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति बताता है, 0.10 प्रतिशत बढ़कर 98.72 पर पहुंच गया.
शेयर बाजार पर असर
भारतीय शेयर बाजार में भी कमजोरी देखने को मिली. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 262.05 अंक गिरकर 81,738.66 अंक पर और निफ्टी 81.55 अंक गिरकर 25,002.20 अंक पर खुला. अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.18 प्रतिशत गिरकर 67.55 डॉलर प्रति बैरल पर रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) गुरुवार को शुद्ध रूप से 1,246.51 करोड़ रुपये के खरीदार रहे.
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित पबरी का कहना है कि जैक्सन होल में होने वाली यूएस फेडरल चीफ जेरोम पॉवेल की स्पीच के ऊपर सभी की निगाहें लगी हुई हैं, जिसमें भविष्य के डॉलर के कदम के बारे में रणनीति तय होगी.
क्या कहते हैं बाजार के जानकार?
करेंसी मार्केट जेरोम पॉवेल के बयान का बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है, ताकि यह संकेत मिल सके कि सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की कितनी संभावना है. हाल ही में अमेरिका के जॉब मार्केट में कमजोरी के संकेत मिले हैं. इसी वजह से फेडरल रिज़र्व की आने वाली नीति पर सभी की नज़र टिकी है.
अगर यूएस फेड चीफ पॉवेल यह संकेत देते हैं कि ब्याज दरें घट सकती हैं तो डॉलर पर दबाव बढ़ेगा और दूसरी करेंसी व गोल्ड को मज़बूती मिलेगी. वहीं अगर पॉवेल यह साफ कर देते हैं कि महंगाई अभी भी चिंता का विषय है तो फेड ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची रख सकता है, जिससे डॉलर मज़बूत होगा.