सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों को वापस छोड़ने पर लगी रोक हटाई, कहा- हर जगह न दिया जाए खाना

दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें शेल्टर होम में स्थायी रूप से रखने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि हम पिछले आदेश में कुछ संशोधन कर रहे हैं. जस्टिस विक्रम नाथ ने आदेश पढ़ते हुए कहा कि हमने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्ष बनाया है ताकि राष्ट्रीय पॉलिसी पर बात हो सके.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि कुत्तों को वापस छोड़ने पर लगी रोक को हटा दिया है. कोर्ट ने कहा कि रेबीज और खतरनाक कुत्तों को न छोड़ा जाए. अदालत ने ये भी कहा कि जिन कुत्तों को पकड़ा गया था उन्हें वैक्सिनेट कर वापस छोड़ा जाए. इसके अलावा बीमार और आक्रामक कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि कहीं भी कुत्तों को खाना न दें इसके लिए हर इलाके में एक तय जगह बने.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर कार्रवाई की जाएगी. कुत्तों को पकड़ने वाली टीम के काम में बाधा डालने वाले व्यक्ति पर 25 हजार और एनजीओ पर 2 लाख जुर्माना लगेगा. कोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश दिया.
पशु प्रेमी कुत्तों को गोद लेने के लिए एमसीडी के समक्ष आवेदन कर सकते हैं. ये जिम्मेदारी उनकी होगी कि एक बार गोद लिए गए कुत्तों को दोबारा सड़कों पर नहीं छोड़ा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आवारा कुत्तों को लेकर नेशनल पॉलिसी बनाई जाएगी. कोर्ट ने आदेश का दायरा बढाते हुए कहा कि अब जो भी निर्देश दिए जाएंगे वो पूरे देश के लिए लागू होगा.