North Korea Missile: | North Korea built secret Sinpung-dong missile base near China border…

वॉशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) की नई रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया का चीन से सटी सीमा के बेहद पास एक गुप्त मिसाइल अड्डा है. यह अड्डा केवल 27 किलोमीटर (17 मील) दूर है और इतना बड़ा है कि इसका क्षेत्रफल न्यूयॉर्क के JFK एयरपोर्ट से भी ज्यादा है.
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यहां 9 परमाणु-सक्षम इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBMs) और उनके मोबाइल लॉन्चर मौजूद हो सकते हैं. इस अड्डे की भौगोलिक स्थिति इसे रणनीतिक रूप से और भी खतरनाक बनाती है, क्योंकि अमेरिका जैसे देश इसे सीधे निशाना बनाने से पहले चीन से भिड़ने को तैयार रहना पड़ेगा.
NEW: Sinpung-dong Missile Operating Base is one of the 15-20 ballistic missile bases that North Korea has never declared. @CSISKoreaChair published the first in-depth open-source study confirming the base.
Explore their findings: https://t.co/3hgG9EKBe3 pic.twitter.com/KsZRhxS1sc
— CSIS (@CSIS) August 20, 2025
परमाणु कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय चिंता
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के नेतृत्व में नॉर्थ कोरिया ने अपने हथियार कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया है. हाल के वर्षों में उसने नए हथियार विकसित किए, ICBM परीक्षण किए और बार-बार अमेरिका और दक्षिण कोरिया को परमाणु हमले की धमकी दी. संयुक्त राष्ट्र की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, नॉर्थ कोरिया ने रूस के साथ सहयोग भी बढ़ाया है. यूक्रेन युद्ध में रूस को समर्थन देकर नॉर्थ कोरिया संभवतः तकनीकी सहायता और हथियार आपूर्ति में मदद हासिल कर सकता है. यह स्थिति पूर्वी एशिया की सुरक्षा के लिए एक बड़ा संकट मानी जा रही है.
सैन्य रणनीति और चीन का दबाव
सिनपुंग-डोंग अड्डे की स्थिति चीन के इतने करीब होने के कारण खास मायने रखती है. सियोल स्थित प्रोफेसर लीफ़-एरिक इस्ले का कहना है कि नॉर्थ कोरिया जानबूझकर चीन की सीमा के पास ऐसे ठिकाने बना रहा है ताकि अमेरिका या उसके सहयोगी देशों को कार्रवाई से रोका जा सके. हालांकि इस रणनीति से बीजिंग को भी असहजता हो सकती है. रिपोर्ट बताती है कि यह अड्डा नॉर्थ कोरिया के मिसाइल बेल्ट का हिस्सा है, जो उसके बढ़ते हुए परमाणु निवारण और हमले की रणनीति को दर्शाता है.
सैटेलाइट इमेज से खुलासा
सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि इसका निर्माण 2004 में शुरू हुआ और 2014 से यह सक्रिय है. रिपोर्ट बताती है कि यहां एंट्री पोस्ट, गोदाम, मुख्यालय भवन, मिसाइल सपोर्ट सुविधाएं और आवासीय ढांचे मौजूद हैं. अड्डे को छिपाने के लिए कई इमारतों के एंट्री गेटों को पेड़ों और झाड़ियों से ढक दिया गया है, ताकि सैटेलाइट से पहचानना मुश्किल हो. संकट की स्थिति में यहां मौजूद मिसाइल लॉन्चर बेस छोड़कर नए प्री-सर्वे किए गए स्थानों से दागे जा सकते हैं.
संभावित मिसाइलें और परमाणु क्षमता
अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि यहां कौन-सा मिसाइल मॉडल रखा गया है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ह्वासोंग-15 या ह्वासोंग-18 ICBM से लैस हो सकता है. यह मिसाइलें अमेरिकी जमीन तक पहुंचने की क्षमता रखती हैं. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि नॉर्थ कोरिया के पास पहले से ही 40 से 50 परमाणु हथियार हैं और उनका उपयोग कर वह दक्षिण कोरिया और पूर्वी एशिया में भारी तबाही मचा सकता है.
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