There was uproar after the announcement of the city executive committee | शहर कार्यकारिणी की…

नई कार्यकारिणी की घोषणा के बाद शहर भाजपा दो फाड़ होती दिखाई दे रही है। मेवाड़ में भाजपा के कद्दावर नेता रहे (वर्तमान में पंजाब के राज्यपाल) गुलाबचंद कटारिया के करीबियों को दरकिनार करने से अंदरखाने सियासी उबाल मचा हुआ है। ऐसे में अब भाजपा भी कांग्रेस क
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नगर निगम उदयपुर में वार्डों की संख्या 70 से बढ़ाकर 80 वार्ड की जा चुकी है। पुनर्गठन-परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब सिर्फ चुनाव की तारीखों का ऐलान होना बाकी है। इससे ठीक पहले भाजपा में उपजा असंतोष प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, शहर जिला अध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़, नवनियुक्त महामंत्री व पूर्व डिप्टी मेयर पारस सिंघवी, भाजपा नेता प्रमोद सामर के लिए सियासी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा।
भाजपा में बने ये हालात 30 साल से निगम में काबिज होने का सपना संजोए बैठी कांग्रेस के लिए सुनहरे अवसर से कम नहीं है। लेकिन, इसके लिए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को स्थानीय पदाधिकारियों को एकजुट करना होगा। अभी कांग्रेस शहर में तीन गुटों में बंटी हुई है। इनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा और दिवंगत डॉ. गिरिजा व्यास के अलग-अलग गुट बने हुए हैं।
वर्ष 1994 से पहले तक नगर निगम (तत्कालीन नगर परिषद) कांग्रेस का गढ़ था। कांग्रेस ने लगातार 7 जीत दर्ज की थी। 1994 से भाजपा ने सेंध लगाई और तभी से लगातार छह बार से काबिज है। अब वह लगातार 7वीं बार जीत दर्ज कर कांग्रेस के रिकॉर्ड की बराबरी करना चाहेगी। फिलहाल दोनों ही प्रमुख दल एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने का दावा कर रहे हैं। सभी नेता बयानों में गुटबाजी की बात को खारिज भी कर रहे हैं। पर हकीकत में हालात कुछ और ही हैं।
डेढ़ साल से असंतोष…कटारिया विरोधी एकजुट
शहर भाजपा में पिछले डेढ़ साल से कलह चल रही है। तत्कालीन डिप्टी मेयर पारस सिंघवी व उनके ही साथी पार्षदों के बीच जुबानी जंग भी देखने को मिल चुकी है। विधानसभा चुनाव-2023 में सिंघवी की दावेदारी के बीच ताराचंद जैन को टिकट देने के बाद भी विरोध हुआ था, लेकिन जैन चुनाव जीत गए। सिंघवी व जैन के बीच एलिवेटेड रोड पर भी खूब घमासान चला था।
अब शहर की नई कार्यकारिणी में कटारिया के रिश्तेदार, तत्कालीन शहर जिला उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष के दावेदार अतुल चंडालिया, गजेंद्र भंडारी, राजकुमार चित्तौड़ा, नानालाल वया और शहर विधायक ताराचंद जैन के करीब नीरज अग्निहोत्री जैसे नेताओं को दरकिनार कर दिया गया। ऐसे में कटारिया की तरह किसी अन्य नेता को या कटारिया को खुद को आगे आकर भाजपा में उपजे विरोध को रोकना होगा।
कांग्रेस… निगम में 6, विधानसभा सीट पर लगातार 5 बार हार कांग्रेस नगर निगम में 1994 यानी लगातार 6 बार से हार रही है। शहर विधानसभा सीट पर भी लगातार 5 चुनाव हार चुकी है। साल 1990 से अभी तक 8 में से 7 चुनावों में भाजपा ने जीत दर्ज की। लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस साल 2014 से हार रही है। निगम में भाजपा ने सबसे बड़ी जीत 2014 में हासिल की। तब भाजपा ने 55 में से 49 तो कांग्रेस ने महज 3 सीटें जीतीं।
चंडालिया ने कहा- जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी, पार्टी विरोधियों को पद कटारिया के समधी और पूर्व शहर उपाध्यक्ष अतुल चंडालिया का कहना है कि कटारिया व उनके जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। इससे मेवाड़ के लाखों कार्यकर्ता मायूस हैं। कार्यकारिणी में पार्टी विरोधी रह चुके लोगों को भी पद देकर नवाजा गया है।
राठौड़ ने कहा- सभी पदाधिकारी पिछली टीम में शामिल थे, आरोप गलत कार्यकारिणी में शामिल किए गए लगभग सभी कार्यकर्ता गुलाबजी के समय के ही हैं। मैं खुद, दो महामंत्री, 7 उपाध्यक्ष गुलाबजी के साथ काम कर चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं से राय लेकर ही टीम बनाई है।
इधर, जैन का ‘विधायक आपके द्वार’ अभियान शुरू
निकाय चुनाव की सुगबुगाहट के बीच शहर विधायक ताराचंद जैन ने गुरुवार को ‘विधायक आपके द्वार’ अभियान की शुरुआत की। वार्ड 35, 36, 37 और 68 में पहुंचे और स्थानीय नागरिकों की समस्याएं सुनीं। विधायक जैन ने कहा कि हर वार्ड में जाकर जनता से संवाद करेंगे।
अधिकारियों के माध्यम से समस्याओं का निस्तारण करवाएंगे। जनता ने पानी, बिजली, स्वास्थ्य, सड़क, नाली, सीसी रोड, डामरीकरण, स्ट्रीट लाइट, अतिक्रमण और कचरा संग्रहण जैसी समस्याएं रखीं। पूर्व उपसभापति महेंद्र सिंह शेखावत, मंडल अध्यक्ष कन्हैयालाल वैष्णव, पूर्व पार्षद अरविंद जारोली, भरत जोशी, शक्ति केंद्र संयोजक भंवर सुहालका सहित अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।