160 houses and shops will be acquired in 17 meter width for doubling | बीकानेर रेलवे स्टेशन:…

बीकानेर वंदे भारत ट्रेन स्वीकृति के बाद गुरुवार को संसद भवन में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात की। तभी खबर आई कि बीकानेर रेलवे स्टेशन से लालगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच 11.8 किमी का दोहरीकरण का काम भी मंजूर हो
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दोहरीकरण के दाैरान सांखला फाटक से बाबूलालट फाटक तक करीब 160 मकान-दुकानें अवाप्त हाेंगी। लालगढ़-बीकानेर के बीच के दोहरीकरण की मंजूरी का पत्र भी अर्जुनराम मेघवाल को दिया। जिसमें सिविल वर्क के लिए 195.17 करोड़, सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन के लिए 53.83 करोड़ और इलेक्ट्रीफिकेशन के लिए 29.63 करोड़ रुपए दिए गए। यही वजह है कि जो दो अंडर पास सिंगल लाइन के थे उन्हें रेलवे ने रोका था।
रेलवे का तर्क था कि भविष्य में ये लाइन दोहरीकरण हो इसलिए जो भी अंडरपास बनाया वो डबल लाइन का हो। गुुरुवार को अर्जुनराम मेघवाल ने रेल मंत्री को कहा इससे हमारे रेलवे फाटक की समस्या का 90 प्रतिशत समाधान हो जाएगा। उन्होंने रेल मंत्री को बीकानेर आने का न्यौता भी दिया।
दोहरीकरण से पहला फायदा होगा कि फाटक जो अभी दिन में 60 बार बंद होते हैं वो 30-40 बार ही बंद करने पड़ेंगे क्योंकि अब एक साथ दो ट्रेनें आमने-सामने से गुजर सकती हैं जबकि अभी एक ट्रेन गुजरने के बाद सामने से आने वाली दूसरी ट्रेन के लिए भी फाटक बंद करने पड़ते हैं।
दूसरी अन्य ट्रेनें भी मिलने की उम्मीद है। इलेक्ट्रीफिकेशन का काम भी होने वाला है। क्योंकि 6.1 मीटर में दोनों तरफ की पटरियां हाेंगी। इसके अलावा दोनों पटरियों के दाएं-बाएं 5.50-5.50 मीटर जगह भी छोड़ी जाएगी। इसलिए कुल 17 मीटर के आसपास रेलवे की जमीन हाेगी। इस दायरे में जितने भी मकान-दुकान आएंगी वो अवाप्त हाेंगी।
रेलवे का सर्वे पूरा, अभी खुलासा किया जाना बाकी
सांखला-कोटगेट फाटक पर अंडरपास तो बन ही रहा है। उसके लिए अवाप्ति की प्रक्रिया चल रही है। अब बीकानेर रेलवे स्टेशन से लालगढ़ स्टेशन के बीच तक दोहरीकरण भी मंजूर हो गया। बीकानेर रेलवे स्टेशन से सांखला फाटक तक तो कोई मकान नहीं है मगर सांखला फाटक पर एक जाने-माने भुजिया वाले की बिल्डिंग जानी तय है। इस दोहरीकरण में दोनों तरफ के ही मकान-दुकान और शो-रूम अवाप्त होंगे।
रेलवे ने हालांकि सर्वे कर लिया है मगर अभी तक इसका खुलासा नहीं किया। पूर्व डीआरएम आलोक श्रीवास्तव के समय से ही पूरी डिजाइन फाइनल की जा चुकी थी। सांखला फाटक से लेकर बाबूलाल फाटक तक सबसे बड़ा इलाका अवाप्त होगा। जब दोहरीकरण और अंडरपास पूरे होंगे तो इस इलाके का पूरा सीन बदल जाएगा।