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Haryana Bhiwani Teacher Manisha Case Police DGP Shatrujeet Kapur | DGP बोले- मनीषा मामले में…

भिवानी में पत्रकारों से बात करते DGP शत्रुजीत कपूर। इस दौरान उनके साथ रोहतक रेंज के IG वाई पूरण कुमार और भिवानी के SP सुमित कुमार भी मौजूद रहे।

हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर ने गुरुवार को भिवानी में मनीषा मौत केस को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हमने एक यंग बिटिया को खो दिया। बेटियां सबकी सांझी होती हैं। मां-बाप और परिवार का दुख हम सब समझते हैं। इस दुख की घड़ी में हम उनके साथ खड़े ह

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उन्होंने कहा कि मनीषा केस में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था। पोस्टमॉर्टम में सामने आया कि शव को कुत्तों के झुंड ने नोचा था। सुसाइड नोट की जांच भी कराई गई थी। अब केस की जांच CBI करेगी।

DGP ने कहा कि केस CBI को देने का जो निर्णय हुआ, इससे PGI के वैज्ञानिक और डॉक्टरों की काबिलियत पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है। जनभावना को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया।

इस दौरान DGP ने मनीषा की मौत को लेकर पुलिस पर उठ रहे सभी सवालों का जवाब दिया….

लेडी टीचर मनीषा, जिसका शव खेतों में पड़ा मिला था।

यहां पढ़िए सभी सवालों के डीजीपी ने क्या दिए जवाब…

  • तीसरा पोस्टमॉर्टम क्यों कराया गया?: डीजीपी ने बताया कल (बुधवार) सुबह हमें एक और मांग प्राप्त हुई कि इसका तीसरा पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स से कराया जाए। हमने कल ही एम्स से तीसरा पोस्टमॉर्टम भी करा दिया। पहला पोस्टमॉर्टम भिवानी में डॉक्टरों के बोर्ड ने किया था। इसके बाद एहतियातन सबसे पुराने और प्रतिष्ठित PGI रोहतक में सेकेंड पोस्टमॉर्टम कराया गया। डॉक्टर ने कुछ सैंपल लिए और कुछ टेस्ट के लिए कहा ताकि वह ओपिनियन दे सकें। यह सारे टेस्ट रोहतक और मधुबन में राष्ट्रीय स्तर की लैब में कराए गए। सोमवार को हमें कुछ रिपोर्ट मिलीं। इसके बाद पीजीआई रोहतक के डायरेक्टर ने सीनियर डॉक्टरों का बोर्ड बनाया। सारी रिपोर्ट उनके सामने रखी गईं। जिसके बाद दोनों पोस्टमॉर्टम के आधार पर उन्होंने अपनी ओपिनियन दी।
  • पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठे, तीन-तीन बार करानी पड़ी?: DGP ने कहा- केस CBI को देने का जो निर्णय हुआ, इससे PGI के वैज्ञानिक और डॉक्टरों की काबिलियत पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है। परिवार की मांग थी और सरकार की ट्रांसपेरेंसी की कमिटमेंट के साथ जनभावना को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया। डीजीपी ने कहा कि इसकी एक प्रक्रिया है, उसे पूरी कर केस CBI को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। जिन परिस्थितियों में ये सब हुआ, वह भी CBI की जांच में निकलकर सामने आ जाएगा।

खेतों में शव पड़े होने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी।

  • पुलिस ने आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई की? डीजीपी ने कहा कि इस सारे प्रकरण में बहुत सारे लोगों ने समझदारी दिखाई। एक समय था, जब भीड़ के पास कोई नेतृत्व नहीं था, तब बहुत सारे लोगों ने अच्छा रोल प्ले किया। इस दौरान कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से गलत प्रचार कर अराजकता का माहौल बनाने का प्रयास किया। सुर्खियां बटोरेने के लिए कुछ शरारती तत्व आ जाते हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। मैंने अधिकारियों को कहा है कि और लोगों को भी चिह्नित करें, ये लोग सुर्खियां बटोरने के लिए पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं। कानून के मुताबिक इनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
  • पुलिसकर्मियों पर एक्शन के पीछे की वजह क्या रहीं? डीजीपी ने कहा कि इस मामले में कुछ पुलिसवालों पर कार्रवाई हुई है। उन पर यह एक्शन इन्वेस्टिगेशन की वजह से नहीं हुआ। शुरू में परिवार की तरफ से ये बात आई थी कि उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया गया। इसके चलते विभागीय कार्रवाई हुई थी। इन पुलिसवालों को प्रक्रिया के दौरान अपनी बात कहने का मौका दिया जाएगा। जो दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
  • इन्वेस्टिगेशन पर सवाल उठ रहे कि सही नहीं हुई? डीजीपी ने कहा कि पूरी की पूरी इन्वेस्टिगेशन साइंटिफिक हुई है। सारी इन्वेस्टिगेशन की फाइंडिंग 2 चीजों पर आधारित हैं, जिसमें पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट और फोरेंसिक साइंस लैब में जो टेस्ट हुए, उनकी रिपोर्ट शामिल है।
  • क्या कोई रिपोर्ट आना अभी बाकी है? डीजीपी ने कहा– एक रिपोर्ट ऐसी है, जिसको लेकर कहा गया कि 3 दिन लगेंगे। ऐसा रूटीन की बीमारी के टेस्ट में भी होता है कि 36 से 48 घंटे का समय लगता है। फोरेंसिक साइंस की रिपोर्ट में समय लगता है। जैसे ही सोमवार को हमें विसरा की रिपोर्ट मिली, उसी दिन हमने बोर्ड बनाकर ओपिनियन ले लिया।
  • पुलिस ने इस मामले में सुसाइड की कार्रवाई की या फिर कुछ और: इस सवाल के जवाब में DGP ने कहा- 2005–06 के आसपास हमने एक प्रोटोकॉल बनाया है। जो भी मिसिंग लोग हैं, उनमें हरियाणा इकलौता राज्य है, जिसमें FIR दर्ज की जाती है। दूसरे राज्यों में रोजनामचे में एंट्री कर दी जाती है। हमने नए कानून की धारा 127(6) के तहत FIR दर्ज की थी। मनीषा की मिसिंग में पहले ही दिन यह FIR कर दी गई थी।
  • क्या पहले दिन ही हत्या की धाराएं लगाई गई थी?: DGP ने जवाब में कहा- पोस्टमॉर्टम या डॉक्टरों के ओपिनियन के बाद कोई नई FIR दर्ज नहीं हुई। अगर ये आता कि हत्या का केस है तो पहले दर्ज FIR में ही धाराएं जोड़ दी जातीं। इसमें जो ओपिनियन आई, वह इसके विपरीत थी। हालांकि भिवानी पुलिस ने परिजनों के बयान पर पहले ही इस मामले में कत्ल की धारा जोड़ दी थी। अब हम इसमें कुछ नहीं करेंगे।
  • क्या मनीषा की किसी लड़के से बातचीत सामने आई?: DGP ने कहा- इन सब बातों में जाने का अभी बहुत औचित्य नहीं है। ये जरूर है कि सुसाइड नोट वहीं पर मिला था। इंसेक्टिसाइड खरीदने की बात भी सामने आ चुकी है। उसे बेचने वाले के बयान भी आ चुके हैं। ये सब चीजें हम CBI को ट्रांसफर कर देंगे।
  • मनीषा जिस कॉलेज में दाखिला लेने के लिए गई, उसकी जांच क्यों नहीं हुई?:
  • DGP ने कहा- 11 अगस्त को मनीषा गायब हुई, उसी दिन वह जिस बस में डेली घर आती थी, उसने ड्राइवर को फोन कर कहा था कि मैं आज इस बस में नहीं आ पाऊंगी। इसके आधे घंटे के बाद वह कीटनाशक की दुकान में दिख रही है। इसकी दूर से सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। कीटनाशक खरीदने का रजिस्टर मेंटेन किया जाता है, उसमें भी इसके बारे में दर्ज किया गया है। उसके बाद एरिया में सीसीटीवी नहीं हैं, तो उसकी कोई मूवमेंट नहीं दिखी। फिर 13 अगस्त को उसकी लाश मिली।
  • लाश को जानवरों ने खाया, ये कैसे पता चला?: डीजीपी ने कहा- खेत मालिक ने एक लड़का रखा हुआ है, उसी ने मनीषा की लाश देखी। लड़के का कहना था कि कुत्तों का एक झुंड था, जो जानवरों की तरह मनीषा को नोच रहे थे। वह उन्हें भगाने के लिए गया, कुत्ते एग्रेसिव थे, उन्हें हटाने के बाद उन्होंने डेडबॉडी को देखा। उस लड़के और उसके साथी के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
  • मनीषा ने खुद जहर पिया या पिलाया गया?: DGP ने कहा- अभी ये सारी डिटेल हम CBI के ऊपर छोड़ दें तो ज्यादा बेहतर रहेगा। आम तौर पर ये माना जाता है कि अगर स्ट्रगल यानी जबरदस्ती के साइन (संकेत) नहीं हैं तो खुद जहर खाने या पीने की तरफ इशारा होता है। हमने फिंगर नेल लेकर DNA जांच कराई है, उससे ये पता चला कि इस मामले में कोई स्ट्रगल नहीं हुआ।
  • हत्या, आत्महत्या या ऑनरकिलिंग, तीन बातें उठी हैं?: DGP ने कहा कि इस तरह किसी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं है। ये पूरी प्रक्रिया हम CBI पर छोड़ दें। जल्दी उनको केस ट्रांसफर हो जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत पहले राज्य सरकार और फिर केंद्र सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी।
  • लड़की भाग गई, 2 दिन में आ जाएगी, पुलिसकर्मियों ने मिसबिहेव किया?: DGP ने कहा- व्यवहार ठीक न होने की शिकायत पर हमने तुरंत विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। इसमें जो 112 पर कॉल आईं, उनकी रिकॉर्डिंग सुनीं। उसमें जो शुरुआती रिस्पांस था, वह बहुत अच्छा था। इस मामले में परिजनों को क्या कहा गया, उसका कोई रिकॉर्ड नहीं था। मगर, हमने शिकायत के बाद विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
  • मनीषा की गर्दन पर निशान थे, सुसाइड नोट का जिक्र देरी में क्यों किया?: DGP ने कहा कि जिस दिन डेडबॉडी मिली तो उसकी गर्दन पर निशान थे, जिसे देख पुलिस को लगा कि यह मर्डर है, इसीलिए केस में मर्डर की धाराएं भी जोड़ दी गईं। सुसाइड नोट भी मिला था, लेकिन उसकी जो ऑथेंटिसिटी (प्रमाणिकता) है, वह एस्टेब्लिश करने में समय लगता है। सुसाइड नोट के साथ बैग में और भी चीजें थीं। सुसाइड नोट में देरी के सवाल पर DGP ने कहा कि जांच के शुरू में ही सब कुछ सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, उसकी ऑथेंटिसिटी भी चेक करनी होती है।
  • इंटरनेट बैन करना क्या सही डिसीजन था?: DGP ने कहा कि इससे परेशानी होती है, लेकिन पब्लिक ऑर्डर मेंटेन करने के लिए कई बार टफ डिसीजन लेने पड़ते हैं। कोई और गलत घटना न हो, इसलिए सोच समझकर यह फैसले लिए जा सकते हैं। उम्मीद है कि आज शाम तक इसे हटाने पर फैसला हो सकता है।
  • मनीषा के मोबाइल में क्या मिला?: DGP ने कहा- उसे रिस्टोर करने का प्रयास चल रहा था। मोबाइल डैमेज होने के मामले में लोकल पुलिस कुछ बता पाएगी। उसके कुछ अंश मिले हैं। नहर नजदीक है, जिसका पानी भी सर्च करने के लिए रोका गया था। अब केस सीबीआई को चला गया तो हम आगे कोई कदम नहीं उठाएंगे।
  • जहर वाले शरीर को पशु नहीं नोंचते? DGP ने कहा– यह एक साइंटिफिक इश्यू है। इसके बारे में डॉक्टर्स ने जो हमें बताया कि जिन अंगों में जहर फैलता है, वह नहीं खाए गए। सबसे अंत में त्वचा और गर्दन के हिस्से और चेहरे पर जहर फैलता है, वही हिस्सा इसमें डैमेज हुआ है।

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