Case filed against Mittal Hospital in RGHS scam | अलवर के तीन सरकारी डॉक्टर सस्पेंड: RGHS…

RGHS में हुए घोटाले की जांच के बाद सरकार ने प्रदेश के 5 डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया। इनमें तीन अलवर जिले के हैं। वहीं, अलवर के एक निजी हॉस्पिटल के स्टाफ व मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। कुल 5 चिकित्सकों सहित 9 कार्मिक सस्पेंड
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया- गहनता से जांच के बाद सख्त कार्रवाई करते हुए 9 कार्मिकों को निलंबित किया गया है। इनमें दो आयुर्वेद चिकित्सक सहित 5 डॉक्टर शामिल हैं।
राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरजी लाल अटल ने बताया- कार्रवाई के क्रम में आरजीएचएस में अनियमितता पर राजकीय आयुर्वेद डीबी सामान्य चिकित्सालय चूरू की आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. कविता धनखड़ एवं डॉ. पवन जांगिड़, सीएचसी बीबरानी, खैरथल-तिजारा की चिकित्सक डॉ. मनीषा, जिला चिकित्सालय अलवर के डॉ. नरसीलाल पचौरी, टीबीसी अलवर के डॉ. कपिल भारद्वाज, राजकीय आयुर्वेद औषधालय नाहरी का नाका के कम्पाउण्डर मदन मोहन पांडे, आयुर्वेद औषधालय बालेटा अलवर के कंपाउण्डर चंद्रशेखर जाटव, कार्यालय उप निदेशक आयुर्वेद विभाग जयपुर के परिचारक मोहसिन खान और जल संसाधन विभाग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी महेश कुमार महावर को निलंबित किया गया है।
एक ही कार्ड पर ओपीडी में 26 लाख का उपचार
इसी प्रकार राजस्थान पेंशनर्स एसोसिएशन मेडिकल स्टोर, कम्पनी बाग रोड, अलवर, मित्तल हॉस्पिटल, चिकित्सकों एवं कार्ड धारी कार्मिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। प्रकरण में कार्मिक, चिकित्सकों एवं फार्मा स्टोर की मिलीभगत कर कूटरचित ओपीडी पर्चा तैयार किया जाता था। दवा के स्थान पर फार्मा स्टोर से अन्य सामग्री ली जाती थी। इस कार्मिक के कार्ड से एक वर्ष में ही ओपीडी के जरिए करीब 26 लाख 70 हजार का उपचार एवं दवाएं आदि का लाभ लिया।
PHED के अफसर और सर्जन हरीश कुमार की मिलीभगत
पीएचईडी (जन स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग) अलवर में करोड़ों की गड़बड़ी हुई। स्वास्थ्य विभाग ने एफआईआर कराई। जिसमें आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने दवाइयों व अन्य चिकित्सा सामग्री की खरीद के नाम पर 26 लाख 70 हजार 233 रुपए का गबन किया है।
शिकायत के अनुसार यह राशि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना के तहत खर्च दिखाकर निकाली गई लेकिन मौके पर न तो दवाइयां खरीदी गईं और न ही किसी मेडिकल स्टोर पर उसका रिकॉर्ड मिला। जांच में सामने आया कि पीएचईडी सब डिवीजन नंबर-1 अलवर में कार्यरत अभियंता व संबंधित अधिकारी–विभागीय अभियंता ए.एन.पी.एच.ई.डी. सब डिवीजन नंबर-1, अलवर, डॉ. सीपी गुप्ता, चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर, अलवर, सिविल सर्जन डॉ. हरीश कुमारतथा अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों ने मिलीभगत कर यह गड़बड़ी की।
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