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रिलायंस जियो के बहुप्रतीक्षित आईपीओ का रास्ता आसान, सेबी ने दी नियमों में ढील

SEBI Ease IPO Proposals: बाजार विनियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने आगामी आईपीओ (IPO) को लेकर नियमों में ढील दी है. माना जा रहा है कि इस कदम का सीधा फायदा रिलायंस जियो और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को मिल सकता है. नए प्रावधानों के मुताबिक, जिन कंपनियों का पोस्ट-IPO मार्केट कैपिटलाइजेशन 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक होगा, उन्हें अपनी इक्विटी का 8% हिस्सा सार्वजनिक रूप से जारी करना होगा. अभी तक यह न्यूनतम सीमा 10% थी.

इसके अलावा, जिन कंपनियों का पोस्ट-IPO मार्केट कैपिटलाइजेशन 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, उनके लिए पब्लिक शेयरहोल्डर्स को न्यूनतम ऑफर घटाकर 2.5% कर दिया गया है, जो पहले 5% था.

जियो के लिए रास्ता आसान

ब्रोकरेज फर्म सिटी का कहना है कि सेबी का यह कदम संभावित जियो के आईपीओ पर सकारात्मक असर डालेगा. सिटी ने बताया कि जियो प्लेटफॉर्म्स का वैल्यू 120 बिलियन डॉलर आंका गया है. मौजूदा नियमों के तहत 5% पब्लिक ऑफर का मतलब होता कि जियो को लगभग 6 बिलियन डॉलर का आईपीओ लाना पड़ता, जो भारतीय बाजार के हिसाब से बहुत बड़ा है. लेकिन नए प्रस्ताव के बाद यह घटकर करीब 3 बिलियन डॉलर रह जाएगा, जो भारतीय निवेशकों की क्षमता के अनुरूप है.

एनएसई को भी फायदा

सेबी के इन नए प्रस्तावों का फायदा एनएसई को भी मिल सकता है, जो अगले साल 50 बिलियन डॉलर से अधिक वैल्यूएशन के साथ शेयर बाजार में लिस्टिंग की तैयारी कर रहा है. सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने गुरुवार को कहा कि बाजार नियामक एक विनियमित मंच (Regulated Platform) पेश करने पर विचार कर रहा है, जहां आईपीओ लाने वाली कंपनियां सूचीबद्ध होने से पहले कुछ खुलासों के बाद कारोबार कर सकेंगी.

उन्होंने उद्योग निकाय फिक्की के कार्यक्रम में कहा कि कई बार निवेशकों के पास आईपीओ से पहले पर्याप्त जानकारी नहीं होती. ऐसे में यह पहल निवेश निर्णय लेने में मददगार साबित हो सकती है.

प्री-IPO ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

सेबी की योजना के अनुसार, एक नया प्री-IPO ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाया जा सकता है. यह मंच निवेशकों को आईपीओ के आवंटन और सूचीबद्ध होने के बीच तीन दिन की अवधि में शेयरों का विनियमित तरीके से व्यापार करने की सुविधा देगा. यह पहल मौजूदा अनियमित ‘ग्रे मार्केट’ की जगह ले सकती है, जो इस समय आईपीओ से पहले ट्रेडिंग का आधार बना हुआ है. कुल मिलाकर, सेबी के इन नए कदमों से न सिर्फ जियो और एनएसई को फायदा होगा, बल्कि भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता और स्थिरता भी बढ़ सकती है.

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