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Chat of student accused in Ahmedabad student murder case goes viral admits stabbing | स्‍कूल…

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12 मिनट पहले

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अहमदाबाद के ‘सेवंथ डे एडवेंट‍िस्‍ट स्‍कूल’ में कक्षा 10वीं के छात्र की चाकू मारकर हत्‍या के बाद से पूरे शहर में तनाव है। छात्र को उसके एक जूनियर ने स्‍कूल में चाकू मारकर घायल कर दिया था। 20 अगस्‍त को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने मणिनगर और आसपास के इलाकों में बंद का ऐलान किया है। इसके चलते पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, किसी मामूली झगड़े के बाद आरोपी स्‍टूडेंट ने 10वीं में पढ़ने वाले छात्र नयन को चाकू मारकर घायल कर दिया। इसी बीच, आरोपी छात्र की अपने किसी दोस्‍त से की गई बातचीत के स्‍क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं। इनमें छात्र ने खुद चाकू से हमला करने की बात स्‍वीकार की है।

आरोपी स्‍टूडेंट की चैट वायरल

वायरल चैट में आरोपी स्‍टूडेंट के दोस्‍त ने उससे सवाल किया कि क्‍या उसी ने चाकू मारा है। जवाब में उसने लिखा- ‘हां, तो। अरे मेरे को बोल रहा था कौन है, क्या कर लेगा तू।’ इस पर दोस्‍त ने जवाब दिया- ‘अरे तो चाकू थोड़ी मारना होता है।’

पुलिस अब इस वायरल चैट की भी जांच कर इसकी सच्‍चाई का पता लगा रही है। आरोपी स्‍टूडेंट को पुलिस ने घटना के कुछ समय बाद ही हिरासत में ले लिया था।

जुलाई में ही जारी हुई हैं सेफ्टी गाइडलाइंस

स्‍कूलों के अंदर स्‍टूडेंट्स की सेफ्टी को ध्‍यान में रखते हुए जुलाई में ही CBSE ने अपने सभी स्‍कूलों को CCTV कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने स्‍कूलों को गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा है कि स्‍कूल में सभी जरूरी जगहों पर कैमरे लगे होने चाहिए। इसमें क्‍लासरूम के अलावा एंट्री-एग्जिट, कॉरिडोर और लैब शामिल हैं।

टॉयलेट और वॉशरूम को प्राइवेसी कारणों के चलते इससे बाहर रखा गया है। ये गाइडलाइंस स्‍कूलों में बच्‍चें की सुरक्षा तय करने के लिए जारी की गई हैं। बोर्ड का कहना था कि इससे स्‍कूल में बुलिंग और एब्‍यूस जैसी घटनाओं पर भी नजर रखी जा सकेगी।

हर साल 11 हजार से ज्यादा बड़े अपराध करते हैं नाबालिग

NCRB की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 तक कुल गिरफ्तार 78,443 किशोरों में से 40,663 नाबालिगों के मामले पिछले साल के पेंडिंग थे, 37780 किशोर 2022 में पकड़े गए, जबकि 2022 में सिर्फ 704 नाबालिगों को सजा हुई।

6 मानसिक कारणों से बच्‍चे अपराध की तरफ बढ़ते हैं

अमेरिकी समाजशास्त्री रॉबर्ट मार्टिन की स्ट्रेन थ्योरी के मुताबिक, जब बच्चों को अपना मनपसंद गोल या कोई चीज नहीं मिलती तो मनोवैज्ञानिक दबाव, गुस्से, झुंझलाहट में अपराध करते हैं।

दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में सीनियर साइकोलॉजिस्ट डॉ. रोमा कुमार के मुताबिक, 6 मानसिक कारणों से बच्चे अपराध की तरफ जाते हैं…

  1. पियर प्रेशर: आपराधिक प्रवृत्ति के दोस्तों के दबाव में या दूसरों की तरह अपनी पहचान बनाने, महंगी चीजों और अच्छी लाइफस्टाइल के लिए किशोर अपराध करते हैं।
  2. बेरोजगारीः नौकरी न मिलने के चलते मानसिक रूप से परेशान होकर चोरी, लूट जैसे अपराध करते हैं।
  3. समाज में असुरक्षा: गैंगवार, दंगे और अपराध देखते हैं, इससे असुरक्षा और अपराध की प्रवृत्ति बढ़ती है।
  4. सामाजिक भेदभावः कई बार भेदभाव और बेइज्जती से उपजने वाला गुस्सा उन्हें अपराधी बना सकता है।
  5. बचपन में हिंसा: कम उम्र में झेली हिंसा से उपजे कंट्रोल और पावर दिखाने जैसे साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर अपराध की तरफ ले जाते हैं।
  6. मानसिक अवसाद: इसमें बच्चे बिना परिणाम जाने अपराध करते हैं। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मुताबिक, पकड़े गए 70% किशोरों को किए अपराध का नतीजा नहीं पता था।

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