ट्रंप टैरिफ टेंशन के बीच भारतीय रुपया दिखा रहा ताकत, करेंसी के रिंग में फिर दी डॉलर की शिकस्त

Indian Rupee vs US Dollar: घरेलू बाजार में पॉजिटिव सेंटिमेंट और ट्रंप टैरिफ की टेंशन के बीच भारतीय रुपया लगातार मजबूती दिखा रहा है. गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान रुपया 14 पैसे चढ़कर डॉलर के मुकाबले 86.93 के स्तर पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों (Forex Traders) का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति की उम्मीदों से वैश्विक बाजारों में निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ी है, जिससे रुपये को सहारा मिल रहा है.
रुपये में क्यों मजबूती?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Foreign Exchange) में रुपया डॉलर की तुलना में 87.04 पर खुला. इसके बाद यह 86.93 प्रति डॉलर के शुरुआती उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 14 पैसे मजबूत है. बुधवार को भी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.07 पर मजबूती के साथ बंद हुआ था. वहीं, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.08 प्रतिशत चढ़कर 98.30 पर पहुंच गया.
शेयर बाजार में तेजी
घरेलू शेयर बाजार में भी तेजी का रुख देखने को मिला. बीएसई का 30 अंकों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 373.33 अंक उछलकर 82,231.17 अंक पर पहुंच गया. एनएसई का निफ्टी 50 भी 94.3 अंक की बढ़त के साथ 25,144.85 अंक पर कारोबार कर रहा था.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.37 प्रतिशत चढ़कर 67.09 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. वहीं, शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) बुधवार को बिकवाल रहे और उन्होंने शुद्ध रूप से 1,100.09 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
रुपये की मजबूती के प्रमुख कारण
रूस और यूक्रेन के बीच शांति की उम्मीदें
वैश्विक बाजारों में रिस्क अपेटाइट (Risk Appetite) बढ़ना
डॉलर इंडेक्स में मामूली तेजी, लेकिन रुपया मजबूत रहना
घरेलू शेयर बाजार में तेजी
कच्चे तेल (Brent Crude) की कीमतों में स्थिरता
विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के बावजूद घरेलू सेंटिमेंट पॉजिटिव रहना
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