पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ बढ़ी हिंसा, हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण, खुलेआम हो रही…

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पाक सरकार इसको लेकर किसी तरह का कदम नहीं उठा सकी है. पाकिस्तान के एक शीर्ष मानवाधिकार संगठन ने कहा है कि पिछले साल हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के मामले काफी सामने आए और ये तेजी से बढ़ भी रहे हैं.
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि को लेकर चिंता जाहिर की है. आयोग ने अहमदिया समुदाय के लोगों की टारगेट किलिंग, पंजाब और सिंध प्रांतों में हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण, साथ ही कम उम्र में विवाह के मामलों को भी उजागर किया है.
मानवाधिकार आयोग ने जारी की रिपोर्ट
मानवाधिकार आयोग ने मंगलवार (19 अगस्त) को आयोजित एक सेमिनार में एक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए बीते साल को बहुत ही चिंताजनक बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, “अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है. अहमदिया समुदाय के लोगों की टारगेट किलिंग हुई है. एक घटना में पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर के एक व्यस्त बाजार में भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद एक व्यक्ति को भीड़ ने मार डाला. मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया है.”
जबरन धर्मांतरण के मामले आए सामने
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईसाई और हिंदू अल्पसंख्यक अधिकार कार्यकर्ताओं ने पंजाब और सिंध में युवा लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के मुद्दे को बार-बार उठाया है. कई मामलों में जिन लड़कियों का कथित तौर पर अपहरण किया गया या उन्हें घर छोड़ने के लिए लालच दिया गया, उनकी उम्र 18 वर्ष से कम थी, जो संघीय और प्रांतीय विवाह की न्यूनतम आयु आवश्यकताओं का स्पष्ट उल्लंघन है. इसमें आगे कहा गया है कि कुछ मामलों में लड़कियों को अपहरण के बाद इस्लाम में परिवर्तन और फिर विवाह के लिए मजबूर करने का स्पष्ट पैटर्न देखा गया है.
इनपुट – आईएएनएस