राज्य

Woman dies in Jaipur, driver flees leaving ambulance | जयपुर में महिला की मौत, एम्बुलेंस छोड़कर…

ड्राइवर के रोड पर ही एम्बुलेंस छोड़कर भागने पर गुस्साए परिजनों ने तोड़फोड़ कर दी।

जयपुर में एक निजी अस्पताल की लापरवाही के चलते बुधवार को एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर खाली था, जिसके कारण रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। रोड पर एम्बुलेंस ड्राइवर गाड़ी छोड़कर भाग गया।

.

गुस्साए परिजनों ने एम्बुलेंस में तोड़फोड़ की। अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और एम्बुलेंस ड्राइवर के खिलाफ मुहाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जानकारी के अनुसार, मुहाना इलाके में रहने वाली 58 वर्षीय शिमला देवी को बुखार होने पर एडवांस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने स्क्रब टायफस बताकर उन्हें 3 दिन एडमिट कराने को कहा, लेकिन 2 घंटे बाद ही हालत बिगड़ने पर SMS हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।

पुलिस ने शव को मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। मुहाना थाने में अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और एम्बुलेंस चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

ड्राइवर एम्बुलेंस छोड़कर भागा परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन सपोर्ट शुरू ही नहीं किया गया। रास्ते में तबीयत और बिगड़ी तो पता चला कि सिलेंडर में ऑक्सीजन ही नहीं है। बार-बार कहने पर दूसरा सिलेंडर लगाया गया, लेकिन इसी बीच हालत गंभीर हो गई। चौ​रड़िया पेट्रोल पंप से 200 मीटर न्यू सांगानेर रोड पर एम्बुलेंस चालक गाड़ी छोड़कर भाग गया। परिजन शिमला देवी को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

जीवनभर संघर्ष किया मगर सिस्टम से हार गईं बेटी मोना ने बताया कि हमारे पिता की मौत 20 साल पहले हो गई थी। मां पर ही हम चारों बहनों की जिम्मेदारी थी। उन्होंने जिंदगीभर सिलाई कर हमारी परवरिश की। पहले हमें पढ़ाया और फिर अच्छे से सभी की शादियां भी कीं। उनका जीवन संघर्ष में गुजरा और अब जाते-जाते भी उनको बीमारी से संघर्ष करना पड़ा। अभी वह छोटी बेटी मोना व दामाद मोहनलाल कुमावत के साथ रह रही थीं।

परिजनों ने 100 नंबर व 108 पर फोन किया। शाम करीब 4 बजे शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।

फेफड़े खराब हो चुके थे, प्लेटलेट्स 36 हजार ही थीं एडवांस हॉस्पिटल के डॉ. गोपाल गुप्ता का कहना है कि शिमला देवी को सुबह 10 बजे इमरजेंसी में लाया गया था। उन्हें सांस लेने में परेशानी थी। जांच में पता चला कि वे पिछले 10 दिन से स्क्रब टायफस से पीड़ित थीं। उनके फेफड़े काफी खराब हो चुके थे और प्लेटलेट्स 36 हजार थे।

परिजन पहले घर पर ही इलाज कराते रहे और मंगलवार रात हालत ज्यादा बिगड़ने पर बुधवार को अस्पताल लाए। डॉक्टर का कहना है कि मरीज के परिजनों ने अस्पताल में मारपीट भी की है, जिसकी रिपोर्ट मुहाना थाने में दी गई है।

2 घंटे में 17 हजार का बिल बनाया परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने दो घंटे के भीतर 17 हजार रुपए का बिल बना दिया और बिना इलाज सही ढंग से किए रेफर कर दिया। उन्हें पता था कि मरीज बिना ऑक्सीजन नहीं रह सकती, फिर भी बिना सुविधा के रेफर किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button