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Conflict between the government and the State Election Commission | सरकार और राज्य चुनाव आयोग…

प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग में खुले टकराव की स्थिति बन चुकी है। शहरी निकायों और पंचायत चुनावों को लेकर हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद आयोग ने जल्द चुनाव कार्यक्रम जारी करने की घोषणा कर दी है। हाईकोर्ट एवं आयोग के निर्णय से सकते में आई सरकार ने

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत ही चुनाव होने चाहिए। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले पर विधिक राय ली जा रही है। सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है ताकि, वन स्टेट वन इलेक्शन के लिए थोड़ा समय और मिल सके। हालांकि, आयोग के आयुक्त मधुकर गुप्ता वन स्टेट वन इलेक्शन को अव्यवहारिक बता चुके हैं।

पूर्व सरकार ने पंचायत राज का सिस्टम बिगाड़ा : गोदारा

खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि पंचायत एवं निकाय चुनाव समय पर कराने के लिए हमारी सरकार कृत संकल्प है। अशोक गहलोत सरकार में पंचायत राज का सिस्टम बिगाड़ दिया था। हमारी सरकार वन स्टेट-वन इलेक्शन करवाएगी। सब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता वाली कमेटी में कैबिनेट मंत्री गोदारा, गजेंद्र सिंह खींवसर, अविनाश गहलोत और जवाहर सिंह बेढ़म सदस्य थे।

8 जिला परिषदों का गठन होना बाकी है

फिलहाल, प्रदेश में 33 जिलों में 33 जिला परिषदें हैं। आठ नए जिलों बालोतरा, डीग, तिजारा-खैरथल, कोटपूतली-बहरोड़, ब्यावर, फलौदी, सलूंबर और डीडवाना-कुचामन जिलों में जिला परिषद का गठन किया जाना बाकी है। हालांकि, सरकार को रिपोर्ट सौंप दी गई है। इसमें पंचायत समितियों एवं पंचायतों के बढ़ने के भी आसार है। वहीं, अधिकांश जिला परिषद एवं पंचायत समितियों का कार्यकाल आगे बाकी है। ऐसे में वहां चुनाव कराए जाने की घोषणा आगे की जा सकती है। अगर, आयोग वन स्टेट वन इलेक्शन को नहीं माने और चुनावों की घोषणा तत्काल कर देता है।

अभी ग्राम पंचायत और निकायों की स्थिति

राज्य में जनवरी 2025 में 6759, मार्च 2025 में 704 पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। वहीं, सितंबर और अक्टूबर 2025 तक 3847 और ग्राम पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। ऐसे में ज्यादातर ग्राम पंचायतों में चुनाव कराने जाने तय हैं। वहीं, जयपुर, जोधपुर एवं कोटा नगर निगम का कार्यकाल नवंबर में पूरा हो रहा है। इसके अलावा प्रदेश के 5 नगर निगम उदयपुर, बीकानेर, भरतपुर, अलवर और पाली में भी प्रशासक नियुक्त किए गए हैं, जहां चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रदेश के करीब 150 निकायों में चुनाव कराए जाने की संभावना प्रबल है।

पंचायतों के कार्यकाल अलग-अलग होने से चुनाव में दिक्कत

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि दिसंबर 2025 में ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ के तहत निकाय चुनाव करवाने में कोई विधिक अड़चन नहीं है। 309 निकायों में परिसीमन का काम पूरा हो चुका है। एक दो दिन में पत्रावली भेज देंगे। संभावना है कि परिसीमन की अधिूचना एक दो दिन में जारी हो जाएगी, ज्यादा वक्त लगा तो एक सप्ताह में जारी हो जाएगी। खर्रा ने कहा कि पंचायत राज के चुनावों में सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है कि उनकी अवधि अलग अलग है। कुछ पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल 2027 में खत्म हो रहा है, कुछ का 2026 में खत्म हो रहा है। इसे लेकर मंथन चल रह है कि एक साथ चुनाव कैसे हो? उम्मीद है कि एक साथ चुनाव में जो संभव हो सकेगा किया जाएगा।

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