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Humility and discipline lead to success | विनय और अनुशासन से मिलती है सफलता: मुनि आदित्य सागर…

जयपुर के कीर्ति नगर स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में बुधवार को आयोजित धर्म सभा में मुनि आदित्य सागर महाराज ने महत्वपूर्ण विचार रखे।

जयपुर के कीर्ति नगर स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में बुधवार को आयोजित धर्म सभा में मुनि आदित्य सागर महाराज ने महत्वपूर्ण विचार रखे। उन्होंने कहा कि मनुष्य का भला-बुरा उसके अपने कर्मों से होता है।

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मुनि श्री ने विनम्रता पर जोर देते हुए कहा कि विनयवान व्यक्ति ही शक्ति प्राप्त करता है। उन्होंने सरलता के साथ नीति का पालन करने की सलाह दी। उनका कहना था कि झुककर चलने से बहुत कुछ मिलता है, जबकि अकड़ से सब खो जाता है।

शिष्य-गुरु संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि साधु से समय लिया जाता है, दिया नहीं जाता।

शिष्य-गुरु संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि साधु से समय लिया जाता है, दिया नहीं जाता। साधु जीवन में गुरु की विनय और गृहस्थ जीवन में माता-पिता की विनय आवश्यक है।

मुनि आदित्य सागर ने विश्व गुरु बनने के लिए उदारमना होने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि राजा को सभी धर्मों का समान सम्मान करना चाहिए। शासन करने के लिए उदार मन होना जरूरी है।

कार्यक्रम में समाज के प्रमुख लोगों ने भाग लिया। इनमें रमेश तिजारिया, विनोद जैन, राजीव जैन, पदम बिलाला और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। सायंकाल श्रुत शंका समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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