‘आखिर कहां छिपे हैं पूर्व उपराष्ट्रपति? बाहर आकर एक शब्द भी नहीं बोल सकते’, जगदीप धनखड़ को लेकर…

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक गायब और खामोश हो जाने पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने पूछा, “क्या वे एक शब्द भी नहीं बोल सकते?” राहुल गांधी संसद भवन में INDIA गठबंधन की ओर से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.
राहुल गांधी का तंज- हम मध्ययुग की ओर जा रहे हैं!
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, “बीजेपी के नए विधेयक को लेकर खूब हलचल है. हम मध्ययुग की ओर जा रहे हैं, जब राजा अपनी इच्छा से किसी को हटा देता था. लोकतांत्रिक रूप से चुने गए व्यक्ति का कोई मोल नहीं है. अगर आपका चेहरा पसंद नहीं, तो ईडी को केस दर्ज करने का आदेश दे दिया जाता है और 30 दिनों में चुना हुआ नेता खत्म. यह भी न भूलें कि हम नया उपराष्ट्रपति क्यों चुन रहे हैं. कल मैं किसी से बात कर रहा था और मैंने कहा, पुराना उपराष्ट्रपति कहां गया?”
राहुल की टिप्पणी- “राज्यसभा में बोलने वाले आज चुप क्यों?”
राहुल ने कहा, “जिस दिन उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया, वेणुगोपालजी ने मुझे फोन कर बताया कि उपराष्ट्रपति चले गए. उनके इस्तीफे के पीछे एक बड़ी कहानी है, जिसे कुछ लोग जानते होंगे और कुछ नहीं. सवाल यह है कि वे क्यों छिपे हुए हैं? भारत के उपराष्ट्रपति ऐसी स्थिति में क्यों हैं कि वह एक शब्द भी नहीं बोल सकते? जो राज्यसभा में खुलकर बोलते थे, वह आज पूरी तरह से चुप क्यों हैं. यही वह समय है जिसमें हम रह रहे हैं.”
#WATCH | Delhi: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, “The day the Vice President resigned. Venugopal ji called me and said, Vice President is gone. There’s a big story about why he resigned. Some of you might know it, some of you might not know it, but there’s a story… https://t.co/8mjhbPliIY pic.twitter.com/5LEfoz6vXL
— ANI (@ANI) August 20, 2025
बी. सुदर्शन रेड्डी की तारीफ
राहुल गांधी ने इस मौके पर उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी की भी सराहना की. उन्होंने कहा, “आज एक लड़ाई चल रही है – एक ओर वे लोग हैं जो संविधान पर हमला कर रहे हैं और दूसरी ओर वे हैं जो संविधान की रक्षा कर रहे हैं. हर पार्टी ने रेड्डी जी का समर्थन किया है. उन्होंने तेलंगाना जाति जनगणना पर काम किया और सामाजिक न्याय का दृष्टिकोण तैयार करने में योगदान दिया. वे हमेशा संविधान अपने पास रखते हैं. उन्होंने मुझे बताया कि वह 52 साल से संविधान अपने साथ रखते आ रहे हैं, क्योंकि किसी भी कानूनी बातचीत में संविधान ही अंतिम और सर्वोच्च जवाब होता है.”
गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई,2025 को धनखड़ ने अचानक और अप्रत्याशित कदम उठाते हुए स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था.