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हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाली GST मिल सकती है खुशखबरी! बिहार के उपमुख्यमंत्री…

GST News: मेडिकल ट्रीटमेंट पर बढ़ते खर्च को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का होना काफी अहम है, खासकर सीनियर सीटिजंस के लिए. इससे इलाज पर आने वाले भारी-भरकम खर्च से तो राहत मिलती ही है. साथ में इंसान मानसिक तौर पर भी खुद को सिक्योर समझता है.

इस बीच, बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जीएसटी काउंसिल का ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी पर छूट दिए जाने का एक अहम प्रस्ताव रखेगा. इस प्रस्ताव के तहत हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को पूरी तरह से खत्म कर दिए जाने की सिफारिश की जाएगी. 

इंश्योरेंस प्रोडक्ट को जीएसटी से रखना चाहिए बाहर 

मौजूदा समय में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 परसेंट जीएसटी लगता है. इसके चलते प्रीमियम इतना महंगा होता जा रहा है, जो आम आदमी की पहुंच के बाहर है.

इससे पहले केंद्रीय रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्टर नितिन गडकरी भी कह चुके हैं कि आज के जमाने में जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस हर व्यक्ति के लिए जरूरी है इसलिए ऐसे प्रोडक्ट्स पर जीएसटी लगाना सही नहीं. सम्राट चौधरी ने आज संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि केंद्र का प्रस्ताव साफ है कि इंश्योरेंस सेक्टर को जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए. इस पर चर्चा हो चुकी है और मंत्री समूह की रिपोर्ट परिषद के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी. 

सम्राट चौधरी समूह के संयोजक

उन्होंने कहा, “GoM के सभी सदस्यों ने दरें कम करने पर अपनी सहमति दे दी है. कुछ राज्यों ने अपने विचार भी साझा किए हैं.” उन्होंने आगे कहा कि दरों पर अंतिम फैसला परिषद द्वारा लिया जाएगा. बता दें कि सम्राट चौधरी स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर गठित 13 सदस्यीय राज्य मंत्री समूह के संयोजक हैं.

बीमा पर केंद्र का प्रस्ताव अगली पीढ़ी के समग्र जीएसटी सुधार प्रस्ताव का हिस्सा है, जिसके तहत उत्पादों को उनकी योग्यता और मानक के आधार पर दो दरों – 5 परसेंट और 18 परसेंट  – के तहत वस्तु एवं सेवा कर लगाया जाएगा. स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर गठित 13 सदस्यीय मंत्री समूह का गठन सितंबर में कर दरों पर सुझाव देने के लिए किया गया था. 

 

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