बिजनेस

दांव पर 2 लाख नौकरियां… ऑनलाइन गेमिंग बिल ने उड़ाई गेमिंग कंपनियों की नींद, अमित शाह से मदद…

Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग बिल को हाल ही में कैबिनेट की तरफ से मंजूरी दे दी गई है. इसका मकसद ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर लगाम लगाना है, जो ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ को बढ़ावा देते हैं. इस बिल के जरिए सरकार बेटिंग ऐप्स पर लगाम कसना चाहती है.

सरकार के इस कदम से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की नींद उड़ गई है. ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF), ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF) और फेडरेशन ऑफ इंडियन फंतासी स्पोर्ट्स (FIFS) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है और विधेयक पर हस्तक्षेप करने की मांग की है. 

ऑनलाइन गेमिंग बिल खतरे की घंटी 

इस इंडस्ट्री से जुड़े बड़े अधिकारियों ने सरकार के साथ तत्काल बैठक करने का भी अनुरोध किया है. उनका कहना है कि अगर बिल पास हो जाता है, तो इससे भारतीय यूजर्स को काफी नुकसान होगा.

द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, AIGF ने तर्क देते हुए कहा है कि इससे करोड़ों की तादात में गेमर्स दूसरे अवैध बेटिंग प्लेटफॉर्म और ऑपरेटर्स का रूख करेंगे. इसके अलावा, यह तेजी से बढ़ती इस इंडस्ट्री के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है, जिससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है. फेडशेन का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पीएम मोदी की 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल इकोनॉमी को भी सहारा दे सकता है. 

दांव पर लाखों की नौकरी 

सरकार को लिखे गए पत्र में आगे यह भी कहा है, रेगुलेटेड और जिम्मेदार भारतीय प्लेटफॉर्म्स को बंद करने से करोड़ों प्लेयर्स अवैध मटका नेटवर्क और विदेशी जुआ वेबसाइट्स का इस्तेमाल करने लगेंगे. यूजर्स की सिक्योरिटी उन अवैध ऑपरेटरों के हाथों में चली जाएंगी, जो बिना किसी सुरक्षा उपाय और टैक्सेशन के काम करते हैं. 

इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि इससे 4 लाख कंपनियां, 2 लाख नौकरी, 25000 करोड़ का निवेश और सालाना 20000 करोड़ के जीएसटी कलेक्शन के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है. इस बिल में ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को एक कानूनी ढांचे के तहत लाए जाने और डिजिटल ऐप्स के जरिए सट्टेबाजी पर जुर्माना लगाए जाने की बात कही गई है.

गेमिंग फेडेशन के मुताबिक, ऑनलाइन स्किल गेमिंग एक तेजी से उभरता हुआ सेक्टर है, जिसका वैल्यूएशन 2 लाख करोड़ से ज्यादा है और रेवेन्यू भी 31,000 करोड़ से अधिक है. इससे सरकार को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स भी मिलता है. आने वाले समय में इस सेक्टर के 20 परसेंट के CAGRसे बढ़ने की उम्मीद है और 2028 तक यह इसका दोगुना हो सकता है. देश में ऑनलाइन गेमर्स की कुल संख्या 2020 में 36 करोड़ से बढ़कर 2024 में 50 करोड़ से अधिक हो गई है. 

इस नए नियम के तहत, सभी डिजिटल और मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बेटिंग ऐप्स के ऐड पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी. इसके अलावा, गेमिंग ऐप का प्रोमोशन करने वाले सेलेब्रिटीज और इंफ्लूएंसर्स के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई करने की बात की गई है. 

 

ये भी पढ़ें: 

ऑनलाइन गेमिंग की जाल में बुरा फंसा मुंबई का कारोबारी, जीत की उम्मीद में गंवा बैठे अपने 12 करोड़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button