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Vedanta shares fall after government objects to demerger | वेदांता के डीमर्जर प्लान पर सरकार की…

नई दिल्ली23 मिनट पहले

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वेदांता के शेयर में बुधवार (20 अगस्त) को 2% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। दरअसल, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी के प्रस्तावित डिमर्जर प्लान पर सुनवाई को टाल दिया है। इस वजह से कंपनी के शेयर में गिरावट आई है।

वहीं बाजार में कारोबार बंद होने पर कंपनी का शेयर 1.01% की तेजी के साथ 445.65 रुपए पर बंद हुआ। बीते एक साल में कंपनी का शेयर फ्लैट रहा है। कंपनी का मार्केट कैप 1.66 लाख करोड़ रुपए है।

सरकार ने डीमर्जर प्लान को लेकर आपत्ति जताई

सरकार ने NCLT में प्रस्तावित डीमर्जर प्लान को लेकर गंभीर आपत्तियां दर्ज कराईं थीं और आशंका जताई कि डिमर्जर के बाद सरकार के बकाये वसूलने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। इसी के बाद NCLT ने सुनवाई टाली है। सरकार ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि वेदांता ने डिमर्जर से जुड़ी कई अहम जानकारियों को छिपाया और खुलासा नहीं किया।

आय को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और देनदारियों को छिपाया

सरकार ने कहा कि कंपनी ने अपनी आय को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और कुछ देनदारियों को छिपाया। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि वेदांता ने सेबी और स्टॉक एक्सचेंज से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेने के बाद अपने प्लान में बदलाव किया।

वेदांता ने NOC मिलने के बाद डिमर्जर स्कीम में बदलाव किया

SEBI ने भी इसकी पुष्टि की है कि वेदांता ने उससे NOC मिलने के बाद अपनी डिमर्जर स्कीम में बदलाव किया है और उसने इसे गंभीर उल्लंघन करार दिया है। मार्केट रेगुलेटर ने कंपनी को प्रशासनिक चेतावनी जारी की और कहा कि ऐसे संशोधनों की जानकारी कंपनी के बोर्ड के ध्यान में लाया जाना चाहिए था। इन आपत्तियों को देखते हुए NCLT ने मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर तक टाल दी है।

वेदांता का मर्जर प्लान क्या है?

वेदांता ने पहली बार अपना डिमर्जर प्लान सितंबर 2023 में पेश किया था। इसके तहत कंपनी के कारोबार को चार अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में बांटने का प्रस्ताव रखा गया। इसमें एल्युमिनियम, ऑयल एंड गैस, पावर और बेस मेटल्स शामिल हैं।

डीमर्जर की समय सीमा 30 सितंबर की थी

कंपनी का कहना है कि इस रिस्ट्रक्चरिंग से उसकी ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ेगी, इनका मैनेजमेंट आसान होगा और शेयरधारकों के लिए वैल्यू बनाने में भी मदद मिलेगी। वेदांता ने बाद में डीमर्जर को पूरा करने की समय सीमा मार्च 2025 से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी थी।

वेदांता ने कहा कि NCLT और कई दूसरे रेगुलेटरी बॉडीज से मंजूरी मिलने में देरी के चलते यह समयसीमा बढ़ाई गई है। कंपनी ने यह भी कहा है कि प्रस्तावित डिमर्जर से उसे तेजी से फैसले लेने, बेहतर फोकस और भारत की आर्थिक ग्रोथ और एनर्जी ट्रांजिशन की दिशा में तालमेल बैठाने में मदद मिलेगी।

21 अगस्त को कंपनी की बोर्ड मीटिंग होगी

इस बीच कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि उसका बोर्ड 21 अगस्त को मीटिंग करेगा। जिसमें वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दूसरा अंतरिम डिविडेंड मंजूर किया जाएगा। इसके लिए रिकॉर्ड डेट 27 अगस्त तय की गई है।

वेदांता के चेयरमैन और फाउंडर हैं अनिल अग्रवाल

वेदांता, जिंक, लेड, एल्युमिनियम और सिल्वर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। इसके फाउंडर और चेयरमैन अनिल अग्रवाल इंडिया के मेटल मैन के नाम से जाने जाते हैं। इसके चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सुनील दुग्गल हैं।

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