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Rajasthan Cabinet Expansion 2025; Bhajan Lal Sharma Ministers | Vasundhara Raje | छत्तीसगढ़ के…

छत्तीसगढ़ में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में तीन नए मंत्री शामिल करते हुए 15 प्रतिशत का कोटा पूरा कर लिया है। अब राजस्थान में भी मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना बढ़ गई हैं।

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पिछले 23 दिनों में सीएम भजनलाल शर्मा भी तीन बार दिल्ली दौरा कर चुके हैं। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित प्रदेश के अन्य नेताओं की सक्रियता को देखकर भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि प्रदेश में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता हैं।

दरअसल, बीजेपी को छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में पूर्ण बहुमत मिला था। वहीं दो दिन के अंतराल में ही तीन राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली थी। अब सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम ने अपने मंत्रिमंडल का पहला विस्तार किया हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पीएम मोदी से 28 जुलाई को दिल्ली में मुलाकात की थी।

6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं

छत्तीसगढ़ में अपनाए गए फॉर्मूले के अनुसार सीएम भजनलाल शर्मा भी अपने मंत्रिमंडल विस्तार में 15 प्रतिशत मंत्रियों का कोटा पूरा कर सकते हैं। वर्तमान में सरकार में सीएम सहित 24 मंत्री हैं। ऐसे में अभी भी 6 नए मंत्री ओर बनाए जा सकते हैं। वहीं मौजूदा किसी भी मंत्री को हटाया भी नहीं जाएगा।

छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह का फॉर्मूला अपनाया गया हैं। आज से पहले छत्तीसगढ़ सरकार में सीएम विष्णुदेव साय सहित 11 मंत्री थे। लेकिन आज मंत्रिमण्डल विस्तार में 3 नए मंत्री शामिल करते हुए मंत्रिमण्डल का कोटा पूरा किया गया। वहीं किसी भी मौजूदा मंत्री को बाहर नहीं किया गया।

वसुंधरा राजे से मुलाकात के अगले दिन सीएम भजनलाल शर्मा की पीएम मोदी से मुलाकात हुई।

मंत्रिमंडल में सभी गुटों का होगा समावेश

प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने करीब पौने दो साल हो चुके हैं। अब जो मंत्रिमंडल विस्तार होगा, वो अगले डेढ़ से दो साल तक चलेगा। इस कारण पार्टी नेतृत्व चाहता है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में सभी गुटों का समावेश हो, जिससे सरकार के शेष कार्यकाल में किसी भी तरह की गुटबाजी न होकर सरकार मजबूती से प्रदेश के विकास के लिए काम कर सकें। जिससे आने वाले चुनावों में पार्टी को फायदा मिले।

यहीं वजह है कि पिछले दिनों हुई राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन के कामकाज में संघ और राजे गुट के नेताओं को भी तरजीह दी गई हैं। सरकार ने संघ के करीबी माने जाने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का चेयरमेन बनाया हैं।

वहीं प्रदेश संगठन ने राजे गुट के माने जाने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को तिरंगा यात्रा और विभाजन विभीषिका अभियान का संयोजक बनाया।

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