Online Gaming Bill 2025: क्या है ई-स्पोर्ट्स जिसे सरकार दे रही बढ़ावा, जानें किन गेम्स पर लगेगा…

Online Gaming Bill 2025: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग के प्रोत्साहन और विनियमन से जुड़ा बिल 2025 पेश किया. इस प्रस्तावित कानून का मकसद ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक खेलों और सामाजिक गेमिंग को संगठित रूप से बढ़ावा देना है जबकि पैसों पर आधारित ऑनलाइन गेम्स पर कड़ा नियंत्रण लगाया जाएगा.
ई-स्पोर्ट्स और मनी गेम्स में फर्क
Union Electronics & IT Minister @AshwiniVaishnaw introduces the 𝐏𝐫𝐨𝐦𝐨𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐑𝐞𝐠𝐮𝐥𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐎𝐧𝐥𝐢𝐧𝐞 𝐆𝐚𝐦𝐢𝐧𝐠 𝐁𝐢𝐥𝐥, 𝟐𝟎𝟐𝟓, in #LokSabha.
The Bill aims to promote e-sports and educational & social games while… pic.twitter.com/x3FH1W1H4x
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 20, 2025
सरकार ने ई-स्पोर्ट्स को ऐसे कौशल-आधारित प्रतियोगी खेलों के रूप में परिभाषित किया है जिन्हें वर्चुअल एरिना में नियमों और मानकों के तहत खेला जाता है. इसमें प्रोफेशनल टूर्नामेंट और प्रतियोगिताओं को भी शामिल किया गया है.
दूसरी ओर, जिन खेलों में पैसों या कीमती वस्तुओं की बाज़ी लगाई जाती है उन्हें “मनी गेम्स” माना गया है. यानी ई-स्पोर्ट्स को खेल और प्रतिस्पर्धा के रूप में देखा जाएगा जबकि जुए जैसे खेलों पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी.
बनेगी नई Regulatory Authority
इस बिल में एक स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण (Regulatory Authority) बनाने का प्रावधान है जो ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र की नीतियों को दिशा देगा, विकास को बढ़ावा देगा और सभी नियमों के अनुपालन की निगरानी करेगा. इसके पास किसी भी ऑनलाइन मनी गेम के संचालन, विज्ञापन या प्रचार पर रोक लगाने की शक्ति भी होगी. चाहे वह खेल मोबाइल, कंप्यूटर या इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर क्यों न चल रहा हो.
बिल में क्या-क्या है खास
इस कानून के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों को रियल-मनी गेमिंग के लेन-देन करने से रोका जाएगा. साथ ही, ऐसे गेम्स के विज्ञापनों पर भी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. वहीं, ई-स्पोर्ट्स और कौशल-आधारित गैर-आर्थिक खेलों को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इसके अलावा, बिना पंजीकरण वाले या अवैध प्लेटफॉर्म्स पर सख्त कार्रवाई होगी. सरकार का लक्ष्य है कि इस क्षेत्र में एक ही तरह का कानूनी ढांचा बने ताकि अलग-अलग राज्यों में होने वाले भ्रम और विवाद कम हो सकें.
सरकार क्यों लाई यह पहल
2023 में सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाया था. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 से ऐसे खेलों से हुई जीत पर 30% टैक्स लगाया जा रहा है. विदेशों में चल रहे गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को भी भारतीय कर सिस्टम में शामिल किया गया है. दिसंबर 2023 में भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) में संशोधन कर अवैध बेटिंग को आपराधिक अपराध घोषित किया गया जिसमें सात साल तक की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है. पिछले तीन सालों में केंद्र सरकार ने 1,400 से ज्यादा वेबसाइट्स और ऐप्स को ब्लॉक किया है जो ऑनलाइन सट्टेबाजी या जुए से जुड़े थे.
नशे और लत को लेकर चिंता
शिक्षा मंत्रालय ने अभिभावकों और शिक्षकों को चेतावनी जारी की है कि नाबालिगों में गेमिंग की लत तेजी से बढ़ रही है. वहीं, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारकों को निर्देश दिया है कि वे गेमिंग के वित्तीय खतरों पर चेतावनी संदेश दिखाएं.
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