Rajasthan kota NCB inspector and constable dismissed, Central Narcotics Bureau, Pradeep, Zakir…

फर्जी तरीक़े से केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो में एक इंस्पेक्टर और एक हवलदार के भर्ती होने का मामला सामने आया है। जब इन लोगों पर शक हुआ था तो इनकी फिंगर प्रिंट व फोटो चैक करवाए। मिलान नहीं होने पर दोनों को बर्खास्त किया। दोनों दो साल तक फर्जी तरीके से नौ
.
जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है।
ये है आरोप आरोप है कि भर्ती हुए इंस्पेक्टर और हवलदार की जगह परीक्षा किसी और ने दी और नौकरी इन्होंने ज्वॉइन कर ली। इंस्पेक्टर ने 2019 में और हवलदार ने 2021 में परीक्षा दी थी। मामला उजागर होने के बाद विभाग में हड़कंप मचा है।
अफसरों को शक हुआ
कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा से इंस्पेक्टर प्रदीप और कांस्टेबल जाकिर हुसैन का चयन नारकोटिक्स विभाग कोटा में हुआ था। यह दोनों परिवीक्षा अवधि में चल रहे थे। इसी दौरान अफसरों को इनकी कार्यप्रणाली पर शक हुआ तो जांच शुरू की गई। ब्यूरो ने कर्मचारी चयन आयोग से परीक्षा से संबंधित सभी दस्तावेज मांगे थे।
इंस्पेक्टर कोटा, झालावाड़ और प्रतापगढ़ में रहा इंस्पेक्टर प्रदीप ने कोटा ज्वॉइन किया। इसके बाद झालावाड़ और वर्तमान में प्रतापगढ़ में तैनात था। अपनी नौकरी के दौरान कुछ एक केस भी बनाए। इसके बाद ही इसकी शिकायत ब्यूरो के अधिकारियों को मिली। इंस्पेक्टर ने अपना आईडी जमा नहीं कराया तो विभाग ने इसकी सूचना भी प्रकाशित करवाई। उसके बाद आईडी कार्ड जमा करवा दिया गया।
परीक्षा के समय व ज्वॉइनिंग के समय लिए फिंगर प्रिंट मिस मैच दस्तावेज के आधार पर दोनों के फोटो का मिलान करने के लिए भोपाल लैब भेजा गया। यहां से प्रदीप का फोटो तो ओके कर दिया, लेकिन जाकिर के हुसैन को फेल कर दिया गया। इसके बाद विभाग ने प्रदीप के फिंगर प्रिंट की टेस्टिंग जयपुर लैब में करवाई।
इसमें परीक्षा के समय और नौकरी ज्वॉइन करते समय दिए गए फिंगर प्रिंट अलग पाए गए। दोनों के साइन भी अलग-अलग थे। रिपोर्ट मिलते ही उप नारकोटिक्स आयुक्त नरेश बुंदेल ने हवलदार जाकिर हुसैन को बर्खास्त कर दिया और इंस्पेक्टर प्रदीप की फाइल मुख्यालय भेज दी। जांच में दोषी मानते हुए कमिश्नर ने इंस्पेक्टर प्रदीप को भी बर्खास्त कर दिया। दोनों को नोटिस देकर एक महीने की अवधि में सभी भुगतान वापस करने के लिए कहा गया है। इस मामले को सीबीआई को भी भेजा जा सकता है।
रेलवे में भी ऐसे केस कोटा में रेलवे में भी डमी कैंडिडेट के केस सामने आए। दो महिलाओं ने डमी कैंडिडेट से लिखित परीक्षा पास की। दोनों और इनके सहयोगी एक गार्ड को बर्खास्त कर दिया गया। जांच सीबीआई कर रही है।