Influencer Book of World Records Honor | इंफ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स सम्मान: देश का पहला…

मुझे बचपन से मेकअप करना, साड़ी पहनकर आइने के सामने खुद को निहारना अच्छा लगता था। मेरे हावभाव, चलने और बोलने के तरीके पर पापा को शर्म आने लगी। वे कहते थे- लड़के हो, इलेक्ट्रिशियन का काम सीखो। लेकिन मेरे भीतर धीरे-धीरे लड़कियों जैसी भावनाएं पनप रही थीं
.
जिंदगी अपनी शर्तों पर जीने के लिए मैंने पिता से बगावत की और 16 साल की उम्र में बड़ी बहन से मिले 4 हजार रुपए लेकर बेंगलुरु शिफ्ट हो गया। वहां प्रोफेशनल मेहंदी आर्टिस्ट बना। कमाई के पैसों से करीब 9 लाख खर्च कर सर्जरी करवाई और लड़की बनने का फैसला लिया। ये बातें कर्नाटक के रायचूर की रहने वाली और देश की पहली ट्रांसजेंडर वेंट्रिलोक्विस्ट आर्टिस्ट जानू ने जयपुर स्थित आरआईसी में आयोजित इंफ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स-2025 प्रोग्राम में कहीं। इस मौके पर उन्हें इस रिकॉर्ड के लिए सम्मानित किया गया।
असल में वेंट्रिलोक्विस्ट वे कलाकार होते हैं जो बिना होंठ हिलाए आवाज निकालने की कला में निपुण होते हैं। ऐसे कलाकार अक्सर एक पपेट (गुड़िया/डॉल) के साथ मंच पर प्रस्तुति देते हैं।
- मैं मुस्लिम समुदाय से आती हूं। बचपन से धर्म, जाति और समुदाय पर लोगों को बड़ी-बड़ी बातें करते सुना, लेकिन इनसे मुझे घुटन होने लगी। इसी वजह से मैंने अपना असली नाम ‘अब्दुल कुद्दूस’ बदलकर ‘जानू’ रख लिया। नया नाम प्रेम को परिभाषित करता है, जो हर जेंडर और समुदाय से परे है। जेंडर बदलने से पहले अभावों में मुझे सूट-सलवार पहनकर सड़कों पर लोगों से पैसे तक मांगने पड़े। कई बार लोगों ने जलील किया, किन्नर कहकर पुकारा। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।”