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Rajasthan Businessman Murder Story; Rajkumar Jain Jadui Sheesha | Jaipur | जादुई शीशे का झांसा…

राजस्थान क्राइम फाइल के पार्ट-1 में आपने पढ़ा कि जयपुर के सिविल लाइंस में रहने वाले व्यापारी राजकुमार जैन अचानक घर से लापता हो गए। पुलिस उनके बेटे आशीष सबलावत की रिपोर्ट पर अपहरण का केस दर्ज करती है। काफी कोशिशों के बाद भी पुलिस को राजकुमार के बारे मे

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अब पढ़िए आगे की कहानी…

तत्कालीन थाना इंचार्ज सुनील प्रसाद शर्मा ने राजकुमार जैन के मोबाइल फोन की सीडीआर रिपोर्ट की जांच की। उस रिपोर्ट और पुलिस जांच के दौरान एक चौंंकाने वाली जानकारी सामने आई।

राजकुमार के मोबाइल से अंतिम बार हुई बातचीत के तीन नंबरों में से एक संदिग्ध व्यक्ति के मोबाइल नंबर की लोकेशन पहले मानसरोवर थी। इसके बाद राजकुमार के मकान के आस–पास आ रही थी।

पुलिस को अंदेशा हुआ कि कोई व्यक्ति उन्हें ट्रैक कर रहा था। क्योंकि वारदात से पहले भी इस संदिग्ध नंबर की लोकेशन राजकुमार जैन के घर के आस-पास ही मिली। पुलिस ने इन नंबरों की डिटेल की जांच की तो वह नीरज जैन व अंशुल दुबे के निकले।

व्यापारी राजकुमार जैन 25 जून 2015 को लापता हुए थे।

व्यापारी के गायब होने के दिन से फरार थे दोनों

पुलिस ने नीरज और अंशुल के मोबाइल नंबर को ट्रैक किया। दोनों स्विच ऑफ आ रहे थे। पुलिस मोबाइल सिम अलॉट करने के दौरान दिए गए दस्तावेजों के आधार पर मानसरोवर के स्वर्ण पथ पर स्थित अंशुल दुबे के घर पहुंची। पुलिस को पड़ाेसियों ने बताया कि 26 जून के बाद से अंशुल को किसी ने नहीं देखा।

पुलिस ने नीरज के मोबाइल नंबर की सीडीआर रिपोर्ट निकलवाई। नीरज जैन और व्यापारी राजकुमार के बीच अक्सर बातचीत होती थी। इससे यह साफ हो गया था कि दोनों के लंबे समय से जान पहचान थी। नीरज के मोबाइल की सीडीआर रिपोर्ट में एक नंबर यूपी का भी मिला। उस नंबर पर भी वह अक्सर बात करता था।

मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर दबोचा

जांच में पता चला कि नीरज जैन की मौसी आगरा में रहती हैं। इस पर एक पुलिस टीम को आगरा भेजा। वहां पुलिस को जानकारी मिली कि दो युवक आए थे।

वो अभी कार से कहीं जाने के लिए निकले हैं। पड़ोसियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर पुलिस टीम को बताया कि उन्होंने कुछ सामान भी बेचा है।

सोडाला के तत्कालीन थाना प्रभारी सुनील प्रसाद ने बताया कि आरोपियों ने ज्वैलरी व नकदी अंशुल के घर छुपा दी थी। ज्वेलरी और नकदी लेने के लिए वे यूपी से किराए पर टैक्सी लेकर जयपुर वापस आ रहे थे।

दोनों ने चार बैग में ज्वैलरी से भरे डिब्बे और नकदी रखी थी। पुलिस नीरज की मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसका पीछा कर रही थी।

उसकी टैक्सी का नंबर भी पुलिस को मिल गया था। दोनों आगरा से वापस जयपुर आ रहे थे। टैक्सी नंबर के आधार पर पुलिस ने इन्हें राजस्थान सीमा में प्रवेश करते ही डिटेन कर लिया।

नीरज जैन व अंशुल को पुलिस पूछताछ के लिए सोडाला थाने लेकर आई। राजकुमार जैन के घर से चोरी कुछ चीजें उनके पास से मिली।

मोबाइल लोकेशन के आधार पर ट्रेस करके पुलिस नीरज और अंशुल तक पहुंची। -फोटो AI जनरेटेड

आरोपियों ने कबूला जुर्म

पुलिस ने दोनों से राजकुमार जैन के बारे में सख्ती से पूछताछ की। कुछ देर में ही आरोपियों ने राजकुमार जैन की हत्या करना कबूल कर लिया।

आरोपियों ने बताया कि उन्होंने सट्‌टा लगाने और कर्ज चुकाने के लिए लूट के इरादे से व्यापारी की हत्या कर दी। फाइनेंसर राजकुमार जैन के घर से एक करोड़ के जेवर और 70 हजार रुपए लेकर फरार हो गए।

जादुई शीशा दिलाने का दिया झांसा

नीरज जैन ने बताया कि राजकुमार जैन से उनकी मुलाकात दस साल पहले जैन मंदिर में हुई थी। इसके बाद से वह राजकुमार के संपर्क में था। उसे इस बात की जानकारी थी कि वे अपने घर पर काफी पैसा रखते थे। घर पर अकेले रहते हैं।

राजकुमार को एंटीक चीजें रखने का शौक था। नीरज ने राजकुमार जैन को जादुई शीशा दिलाने का झांसा दिया। ऐसा शीशा, जिससे गड़े हुए धन का पता कर सकते हैं। नीरज 25 जून को राजकुमार जैन को झांसा देकर अंशुल के मानसरोवर स्थित घर ले गया।

अंशुल के घर पर जादुई शीशा दिखाने के बहाने से उन्होंने राजकुमार पर हमला कर दिया। नीरज जैन ने राजकुमार के चेहरे पर मुक्का मारा।

जिससे उनका चश्मा टूट गया और आधा चश्मा उनके सिर में धंस गया। इसके बाद दोनों ने गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद राजकुमार के गले में पहनी हुई सोने की चेन भी उतार ली। आरोपियों ने लाश को मानसरोवर में ही रखा और योजना के अनुसार घर बंद कर लाश को ठिकाने लगाने के लिए चले गए।

नीरज और अंशुल ने की लंबे समय से राजकुमार जैन के पैसों पर नजर थी। वे उन्हें फंसाने के लिए काफी दिनों से प्लानिंग कर रहे थे। जादुई शीशे की कहानी दोनों ने मिलकर रची थी। । -फोटो AI जनरेटेड

मकान से 1 करोड़ के जेवर व नकदी चुराई

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि राजकुमार जैन की मानसरोवर में हत्या करने के बाद उन्होंने उनकी जेब से मकान की चाबी निकाली।

वे दोबारा मानसरोवर से सिविल लाइंस पहुंचे। यहां आरोपियों ने व्यापारी के मकान का ताला खोलकर एक करोड़ के जेवर व 70 हजार रुपए चुरा लिए। चोरी के गहनों और नकदी का दोनों ने बंटवारा कर लिया।

लाश छुपाने के लिए खरीदा लोहे का बॉक्स

हत्या के बाद दोनों 25 जून को ही लाश ठिकाने लगाने के लिए लोहे का एक बड़ा बॉक्स खरीद लाए। शव को चद्दर में लपेटकर हाथ–पैर बांधकर बॉक्स में रख दिया। व्यापारी का मोबाइल फोन तोड़कर फेंक दिया।

तत्कालीन सीआई सुनील प्रसाद ने बताया कि वारदात के अगले दिन 26 जून को दोनों ने लाश को छुपाने के लिए प्रतापनगर में एक कमरा किराए पर लिया। इसके लिए दोनों ने किराएनामा भी बनवाया।

लाश को यहां लाना मुश्किल था। ऐसे में दोनों ने लोहे का बॉक्स ले जाने के लिए एक पुरानी मारुति वैन खरीदने की योजना बनाई। दोनों ने राजापार्क के छाबड़ा कार बाजार से पुरानी मारुति वैन आर जे 01 सी 5076 तीस हजार रुपए में खरीदी।

इस वैन में राजकुमार की लाश को रखकर प्रतापनगर पहुंचे। किराए के कमरे में उन्होंने लोहे के बक्से को रख दिया।

जिस दिन हत्या की, उसी दिन दोनों शव छिपाने के लिए एक बड़ा बक्सा खरीद लाए थे। -फोटो AI जनरेटेड

बक्से से बरामद हुई गली हुई लाश

पुलिस ने आरोपियों की सूचना पर व्यापारी के शव को प्रतापनगर के किराए के कमरे से बरामद किया। पुलिस मौके पर पहुंची तो कमरे से दुर्गंध आ रही थी। बक्से से शव निकाला तो वह आधा गल चुका था।

राजकुमार के सिर में अभी भी टूटा हुआ आधा चश्मा धंसा हुआ था। चश्मे का आधा हिस्सा बॉडी के साथ बरामद हुआ। आधा हिस्सा पुलिस ने आरोपियों के घर से बरामद किया।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि व्यापारी राजकुमार जैन की बॉडी पर केमिकल, मिट्टी, नमक, तेजाब और फिनाइल डाला था, ताकि बॉडी जल्दी गल जाए और किसी को बदबू भी न आए।

इसके बाद दोनों अंशुल की बुआ के घर फिरोजाबाद चले गए। इसके बाद वहां से भी फरार हो गए। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने क्राइम सीरियल देखकर ये योजना बनाई थी। क्राइम सीरियल के आधार पर पूरी वारदात को अंजाम दिया।

सट्‌टे में घाटा होने पर की वारदात, उम्रकैद की सजा

जांच में सामने आया कि नीरज शराब और जुआं–सट्‌टा खेलने का आदी था। जुएं में हारने के कारण वह आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। नीरज की दोस्ती अंशुल दुबे से थी। अंशुल भी आर्थिक तंगी में था। दोनों ने अपनी आर्थिक तंगी दूर करने के लिए व्यापारी की हत्या कर उसके घर चोरी करने की योजना बनाई।

पुलिस ने उनकी निशानदेही पर राजकुमार जैन का शव, लूटी गई रकम और जेवर बरामद कर लिए। पुलिस ने वारदात के काम में ली गई मारुति वैन भी जब्त कर ली। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

हत्या के इस मामले की सुनवाई जयपुर के एनडीपीएस कोर्ट में हुई। कोर्ट ने 21 जून 2018 को नीरज जैन और अंशुल दूबे को व्यापारी राजकुमार जैन की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा दोनों दोषियों पर पचास –पचास हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

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