10 हजार रुपये का नोट होगा नीलाम… राष्ट्रपति भवन से बोली लगाकर खरीद सकते हैं 250 से ज्यादा…

राष्ट्रपति भवन की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपतियों को मिले 250 से अधिक उपहारों की नीलामी की जा रही है. अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रपति भवन से नीलाम किए जाने वाले उपहारों में 10,000 रुपये का बैंक नोट का नमूना और दो तरफा एक विंटेज घड़ी भी शामिल है.
राष्ट्रपति कार्यालय इन वस्तुओं की नीलामी एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से कर रहा है. नीलामी में जिन वस्तुओं की बोली लगाई जाएगी, उनमें एक अनोखी ढाई मूर्ति, पारंपरिक मिजो टूल बॉक्स, राष्ट्रीय प्रतीक स्मृति चिह्न और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का मॉडल भी शामिल हैं.
31 अगस्त तक चलेगी नीलामी
राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने कहा, “बिक्री से होने वाली आय महिलाओं, बच्चों और सशक्तिकरण के अन्य उद्देश्यों से जुड़े कार्यक्रमों में दी जाएगी. इससे सम्मान के प्रतीकों को आशा और समाज में प्रभाव डालने वाले साधनों के रूप में बदला जाएगा.” उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति उपहार संग्रह की ई-नीलामी का दूसरा संस्करण वर्तमान में चल रहा है, जो 31 अगस्त को समाप्त होगा.”
गुप्ता ने कहा, “2024 में आयोजित पहले संस्करण की सफलता पर आगे बढ़ते हुए ‘ई-उपहार 2025’ में 250 से अधिक उपहार पेश किए गए हैं. ये उपहार भारत के राष्ट्रपति को गणमान्य व्यक्तियों, छात्रों, उद्यमियों और नागरिकों से मिले हैं. पहले संस्करण की नीलामी में देश के हर कोने की भागीदारी देखी गई थी.” उन्होंने कहा, “ये वस्तुएं, चाहे सांस्कृतिक धरोहर हों या कूटनीतिक स्मृति चिह्न, केवल सद्भावना के प्रतीक नहीं हैं बल्कि भारत की विविधता में एकता, सेवा और वैश्विक प्रतिष्ठा के प्रतीक भी हैं.”
10 हजार रुपये के बैंक नोट के लिए लग रही बोली
वस्तुओं की सूची के अनुसार, 10,000 रुपये के बैंक नोट का नमूना 2015 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेंट किया गया था. यह दुर्लभ 10,000 रुपये के भारतीय नोट की प्रतिकृति है, जिस पर किंग जॉर्ज षष्ठम की तस्वीर है. इसमें कहा गया है, “यह सबसे पहले 1935 में जारी किया गया था और 1950 में स्वतंत्रता के बाद अशोक स्तंभ के साथ इसे फिर से जारी किया गया.”
2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मिली थी विंटेज घड़ी
इसके अलावा, मुखर्जी को साल 2015 में मिली विंटेज शैली की रेलवे की घड़ी भी नीलामी में शामिल है. वस्तु सूची में दिए इसके विवरण के अनुसार, ‘‘यह दो तरफा घड़ी है, जो विक्टोरिया स्टेशन 1747 की घड़ी पर आधारित है. रेलवे स्टेशनों पर पाई जाने वाली घड़ियों जैसी डिजाइन की गई, इसमें कई कोणों से दृश्यता के लिए दो डिस्प्ले हैं. इसमें रोमन अंकों वाला गोल डायल, धातु का आवरण और दीवार पर लगाने के लिए ब्रैकेट है.” इसमें कहा गया है, “आमतौर पर पीतल या लोहे से बनी और कांच के कवर से सुरक्षित यह घड़ी रेलवे यात्रा के स्वर्ण युग को याद दिलाती है.”
कांसे की ढाई मूर्ति पर भी लगा सकते हैं बोली
नीलामी में लोग कांसे की एक प्रतिमा ढाई मूर्ति पर भी बोली लगा सकते हैं. इसके विवरण में कहा गया है, “यह असम राइफल्स की मानवीय विरासत का सम्मान करती है, जिसमें एक गोरखा सैनिक राइफल के साथ, पारंपरिक परिधान में एक महिला और उसकी पीठ पर बच्चा दर्शाया गया है. यह करुणा और वीरता का प्रतीक है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शरणार्थियों की मदद करने में असम राइफल्स की भूमिका को दर्शाता है. 1835 में स्थापित असम राइफल्स भारत का सबसे पुराना अर्धसैनिक बल है, जो पूर्वोत्तर भारत में अपनी सेवा के लिए जाना जाता है.” इसके अलावा, कई चादरें, कई अंगवस्त्र और अन्य स्मृति चिह्न भी पोर्टल पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं.
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